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अनार के रस से करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक, बनी रहेगी घर की सुख-शांति और समृद्धि

सनातन धर्म में भगवान शिव को सभी दुखों का संहारक और सत्य का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा करने से जातकों को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। अब ऐसे में भगवान शिव का अनार के रस से रुद्राभिषेक कैसे करें। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2024-11-07, 10:32 IST

भगवान शिव कों देवों के देव महादेव कहा जाता है। इनकी पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाती है और उत्तम परिणाम भी मिलने लग जाते हैं। वहीं मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान शिव का रुद्राभिषेक कई तरह से किए जाते हैं। सभी रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।

भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भक्त के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मकता दूर होती है। रुद्राभिषेक करने के भी कई विशेष नियम होते हैं। आपकों बात दें, व्यक्ति के स्वास्थ्य सुधार के लिए भी विधिवत रूप से भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है। अब ऐसे में अनार के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक कैसे करें। किस विधि से करें और रुद्राभिषेक का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

अनार के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक कैसे करें?

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अनार का रस भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि अनार के रस से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

भगवान शिव का रुद्रभाभिषेक करने के लिए विधि क्या है?

भगवान शिव का रुद्रभिषेक करने के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ताजा अनार का रस
शिवलिंग
बेलपत्र
धतूरा
भांग
चंदन
कुश
जल
रुद्राक्ष की माला
शुद्ध कपड़े

अनार के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक किस विधि से करें?

अनार का रस भी भगवान शिव को प्रिय है और इसे शिवलिंग पर चढ़ाना शुभ माना जाता है। अनार के रस से अभिषेक करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं, जैसे कि धन लाभ, रोग निवारण और मन की शांति।
सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान पर शिवलिंग को स्थापित करें।
शिवलिंग को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर शुद्ध करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग और चंदन चढ़ाएं।
अब अनार के रस से शिवलिंग पर धीरे-धीरे अभिषेक करें।
अभिषेक करते समय रुद्राक्ष की माला से रुद्राष्टक का जाप करें।

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अभिषेक के बाद शिवलिंग पर पुष्प अर्पित करें और धूप-दीप दिखाएं।
उसके बाद भगवान शिव को प्रणाम करें।

भगवान शिव को अनार का रस चढ़ाने का महत्व

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनार को एकता और समृद्धि का प्रतीक हैं। ऐसा माना जाता है कि अनार का रस चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। अनार का लाल रंग शक्ति और उत्साह का प्रतीक है। यह भगवान शिव की तपस्या और शक्ति को दर्शाता है।

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Image Credit- HerZindagi

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