significance and rules for reciting ram raksha stora

रामरक्षा स्तोत्र का पाठ किस दिन करना चाहिए? जानें नियम

हिंदू धर्म में सभी श्लोक, स्तोत्र और मंत्रों का जाप करने के लिए कई तरह के नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। अब ऐसे में रामरक्षा स्तोत्र का पाठ किस दिन और किस नियम से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-05-26, 14:02 IST

हिंदू धर्म में रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने का बहुत अधिक महत्व है। इसे एक शक्तिशाली कवच माना जाता है जो भक्तों को सभी प्रकार के संकटों, भय और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति भयमुक्त हो जाता है। रामरक्षा स्तोत्र का पाठ शारीरिक कष्टों और रोगों से मुक्ति दिलाने में बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके पाठ से धन की तंगी दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि तथा खुशहाली आती है। इतना ही नहीं, अगर किसी जातक को बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। अब ऐसे में अगर आप रामरक्षा स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं तो इसे किस दिन करने से लाभ हो सकता है और इसका पाठ करने के दौरान किन नियमों का पालन करना जरूरी है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

रामरक्षा स्तोत्र का पाठ किस दिन करना चाहिए?

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गुरुवार के दिन रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और प्रभु श्रीराम श्रीहरि विष्णु के स्वरूप हैं। इसलिए इस दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। इतना ही नहीं, आप मंगलवार को भी इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इस स्तोत्र का पाठ कम से कम 11 बार जरूर करना चाहिए। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

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रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने के दौरान इन नियमों का करें पालन

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  • रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने के लिए सुबह या शाम का समय सबसे अच्छा माना जाता है। आप इसे किसी मंदिर में या घर पर, भगवान श्री राम की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठकर कर सकते हैं।
  • पाठ शुरू करने से पहले शुद्ध मन से भगवान श्री राम का ध्यान करें और संकल्प लें।
  • तुलसी या चंदन की माला से इस स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है। आपको बता दें, रामरक्षा स्तोत्र का 11 बार पाठ करने के दौरान, एक कटोरी में सरसों के कुछ दाने लेकर उन्हें उंगलियों से घुमाते रहने से वे सिद्ध हो सकते हैं।

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  • पाठ शुरू करने से पहले विनियोग मंत्र का उच्चारण करें और हाथ में जल लेकर उसे जमीन पर छोड़ दें। इसके बाद पाठ आरंभ करें।

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Image Credit- HerZindagi

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