हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और यह मोक्ष तथा मनोकामना पूर्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्ष में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से सावन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
यह एकादशी विशेष रूप से संतानहीन दंपत्तियों के लिए पुत्र रत्न की प्राप्ति की कामना से रखी जाती है, इसलिए इसे 'पुत्रदा' कहा जाता है। इसके साथ ही, यह व्रत संतान के सुखद भविष्य और परिवार में खुशहाली लाने वाला भी माना जाता है। अब ऐसे में जो महिलाएं इस दिन व्रत रख रही हैं, वह किस विधि से भगवान विष्णु की पूजा करें, सामग्री क्या है और नियम क्या है।
इसे जरूर पढ़ें - सावन पुत्रदा एकादशी के दिन कैसे करें तुलसी पूजा? कौन सा दीपक जलाने से हो सकती है धन-धान्य की प्राप्ति
इसे जरूर पढ़ें - एकादशी के दिन भगवान विष्णु को अपराजिता चढ़ाने से क्या होता है?
सावन पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं और उन्हें जगत का रक्षक माना जाता है। इस दिन उनकी आराधना करने से वे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। आपको बता दें, इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करने से न केवल संतान सुख प्राप्त होता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी आती है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- HerZindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।