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Pitru Paksha Sankashti Chaturthi Puja Vidhi 2025: पितृपक्ष की संकष्टी चतुर्थी पर कैसे करें गणेश जी की पूजा? जानें सामग्री और मंत्र

Sankashti Chaturthi Ki Puja Kaise Kare: 'संकष्टी' का अर्थ है संकटों को हरने वाली। चूंकि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है इसलिए इस दिन व्रत और पूजा करने से भक्तों के जीवन के सभी संकट, परेशानियां और नकारात्मकता दूर होती है।
Editorial
Updated:- 2025-09-09, 12:53 IST

सितंबर महीने में आने वाली संकष्टी चतुर्थी, जिसे अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, भगवान गणेश की पूजा का एक खास दिन है। यह चतुर्थी इसलिए भी ख़ास है क्योंकि यह पितृ पक्ष के दौरान आती है। 'संकष्टी' का अर्थ है संकटों को हरने वाली। चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है, इसलिए इस दिन व्रत और पूजा करने से भक्तों के जीवन के सभी संकट, परेशानियां और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह व्रत खास तौर पर संतान की सुरक्षा और लंबी आयु के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य मिलता है। इसलिए, आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं पितृ पक्ष की इस संकष्टी चतुर्थी की पूरी पूजा विधि, सामग्री और मंत्र के बारे में।

पितृपक्ष संकष्टी चतुर्थी 2025 पूजा सामग्री (Sankashti Chaturthi Puja Samagri)

पितृपक्ष की संकष्टी चतुर्थी में पूजा सामग्री का विशेष महत्व है। इस सामग्री में भगवान गणेश को प्रिय चीजें शामिल होती हैं, जिनसे पूजा करने पर वे प्रसन्न होते हैं। ये सामग्री, जैसे कि दूर्वा घास और मोदक, पूजा को पूर्ण बनाती हैं और भक्तों को शुभ फल प्रदान करती हैं।

may sankashti chaturthi may 2025 ki samagri

  • भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र
  • लाल या पीला कपड़ा
  • गंगाजल या शुद्ध जल
  • चंदन, कुमकुम, हल्दी
  • जनेऊ
  • लाल फूल, गेंदा, चंपा, मोगरा, कनेर
  • दूर्वा घास की 21 गांठें
  • धूप, दीप
  • मोदक, लड्डू, फल, मिठाई, तिल से बनी चीजें
  • तांबे का लोटा या अन्य बर्तन
  • दूध
  • चावल

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पितृपक्ष संकष्टी चतुर्थी 2025 पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर, भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लें। आप अपनी मनोकामना के अनुसार निर्जला व्रत यानी कि बिना पानी के या फलाहारी व्रत यानी कि फल और दूध का सेवन रख सकते हैं।

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पूजा स्थल को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। गणेश जी का आह्वान करें और उन्हें आसन ग्रहण करने के लिए प्रार्थना करें। भगवान गणेश की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें।

Sri Ganesh puja at home. Happy Ganesh Chaturthi. : r/hinduism

गणेश जी को वस्त्र और चंदन, कुमकुम, हल्दी आदि से श्रृंगार करें। उन्हें जनेऊ अर्पित करें। भगवान गणेश को लाल रंग के फूल विशेष रूप से गुड़हल और इसके अलावा गेंदा, चंपा या अन्य सुगंधित फूल अर्पित करें। साथ ही, गणेश जी को दूर्वा घास की 21 गांठें अर्पित करें।

धूप और दीप जलाएं। भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फल, मिठाई और तिल से बनी चीजें अर्पित करें। गणेश मंत्रों का जाप करें। संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। भगवान गणेश की आरती गाएं। अपनी मनोकामनाओं के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना करें।

शाम को चंद्रमा निकलने के बाद उसका दर्शन करें और उसे अर्घ्य दें। अर्घ्य में जल, दूध और फूल शामिल कर सकते हैं। चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य के बाद व्रत खोलें।भगवान को लगाए भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और परिवार के लोगों के बीच बाटें।

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पितृपक्ष संकष्टी चतुर्थी 2025 पूजा मंत्र (Sankashti Chaturthi Puja Mantra)

'ॐ गं गणपतये नमः': यह भगवान गणेश का मूल मंत्र है। इसका जाप करने से सभी प्रकार के विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं, और कार्यों में सफलता मिलती है।

'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥': इस मंत्र का अर्थ है - घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी भगवान गणेश, मेरे सभी कार्यों को हमेशा निर्विघ्न रूप से संपन्न करें। इस मंत्र का जाप करने से हर कार्य में सफलता और शुभता प्राप्त होती है।

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'ॐ श्रीं गणेशाय नमः' और 'ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥' का जाप भी अपनी श्रद्धा और आवश्यकतानुसार किया जा सकता है। इन मंत्रों के जाप से बुद्धि, विद्या और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
गणेश जी का प्रिय रंग कौन सा है?
गणेश जी का प्रिय रंग हरा है। 
गणेश जी की आरती का सबसे शुभ समय कौन सा है?
गणेश जी की आरती का सबसे शुभ समय 'अमृत काल' है।
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