कौन थे ताड़का, मारीच और सुबाहु? रावण से था खास रिश्ता

ताड़का, मारीच और सुबाहु का उल्लेख रामायण के बालकाण्ड और लंकाकाण्ड में हुआ है। इन तीनों राक्षसों की कहानियां रामायण में भगवान राम के महान कार्यों और उनके संघर्षों को दर्शाती हैं।

 
Tadka Marich Subahu significance in Ramayana

ताड़का, मारीच और सुबाहु रामायण में उल्लिखित तीन प्रमुख राक्षस (दानव) हैं, जो राक्षसों के राजा रावण के नाना पक्ष से संबंध रखते थे। इनका उल्लेख रामायण के अयोध्या कांड और बालकांड में हुआ है। इनका रावण से गहरा संबंध था, और ये तीनों ही भगवान राम के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:

1. ताड़का:

  • परिचय: ताड़का एक राक्षसी (दानवी) थी और रामायण के अनुसार, वह यक्ष जाति की थी। ताड़का अत्यंत शक्तिशाली और भयावह थी, जो जंगल में रहती थी और वहां से गुजरने वाले ऋषि-मुनियों और साधुओं को परेशान करती थी।
  • वंश: ताड़का का संबंध यक्ष वंश से था, और वह सुकेतु नामक यक्ष की पुत्री थी। उसका विवाह सुंद नामक राक्षस से हुआ था।
  • रावण से संबंध: ताड़का रावण की नानी लगती थी। रावण की माता कैकसी और ताड़का का संबंध एक ही वंश से था।
  • राम से मुकाबला: विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को ताड़का के आतंक से मुक्त करने के लिए अपने साथ लाया। रामने ताड़का का वध किया, जिससे उसका आतंक समाप्त हुआ।

2. मारीच:

Who were Tadka Marich and Subahu in Ramayana

  • परिचय: मारीच ताड़का का पुत्र और सुबाहु का भाई था। मारीच एक शक्तिशाली राक्षस था और मायावी शक्ति से भरा हुआ था।
  • रावण से संबंध: मारीच का रावण से खास संबंध था क्योंकि वह रावण का मामा था। वह रावण का विश्वासपात्र था और उसने रावण की सहायता करने के लिए कई बार अपनी माया का प्रदर्शन किया।
  • राम से मुकाबला: मारीच ने सीता के अपहरण की योजना में रावण की सहायता की, जहां उसने सोने के मृग का रूप धारण किया और सीता का ध्यान आकर्षित किया।

3. सुबाहु:

Tadka Marich Subahu Ramayana story

  • परिचय: सुबाहु ताड़का का दूसरा पुत्र और मारीच का भाई था। वह भी मारीच की तरह ही शक्तिशाली और क्रूर राक्षस था।
  • रावण से संबंध: सुबाहु का रावण से भी संबंध था क्योंकि वह रावण का मामा था।
  • राम से मुकाबला: सुबाहु भी राम से ताड़का वन में मुकाबला करता है, जब वह ऋषि विश्वामित्र के यज्ञ को बाधित करने का प्रयास करता है। राम ने उसे मार डाला, जिससे ऋषि मुनियों को उसके आतंक से राहत मिली।

रावण से संबंध:

ताड़का, मारीच और सुबाहु, तीनों का संबंध रावण से उनके पारिवारिक और वंशानुगत संबंधों के माध्यम से जुड़ा हुआ था। ये तीनों ही राक्षस रावणके परिजन थे और उसके साम्राज्य की शक्ति और भयावहता को प्रदर्शित करते थे। राम के साथ उनकी मुठभेड़ ने राम की शक्ति और धर्म की रक्षा के उनके संकल्प को भी उजागर किया।

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Image Credit: Imdb, shemaroome, राशिफल

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