Laddu Gopal daily bhog

Laddu Gopal Ka Bhog: क्‍या आप भी रोज लड्डूगोपाल को भोग में 'मिश्री' चढ़ाती हैं ? पंडित जी से जान लें यह सही है या गलत

क्या रोज लड्डूगोपाल को मिश्री का भोग चढ़ाना सही है या गलत? जानिए ज्योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी से कि क्या भगवान श्रीकृष्ण को मिश्री अर्पित करना धार्मिक रूप से उचित है या नहीं।
Editorial
Updated:- 2025-09-12, 06:12 IST

भगवान श्रीकृष्ण के अनेक भक्त अपने घरों में लड्डू गोपाल की स्थापना करते हैं और उन्हें विशेष श्रद्धा के साथ सेवा भाव से पूजते हैं। लड्डू गोपाल की सेवा बिल्कुल एक छोटे शिशु की तरह की जाती है, सुबह उठाने से लेकर रात में सुलाने तक की हर प्रक्रिया विधि-विधान और स्नेह से पूरी की जाती है। ऐसा करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होते हैं। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण को भोजन का विशेष शौक रहा है, इसलिए उनका भोग भी उतना ही खास होता है। हालांकि,  रोजाना नया भोग बनाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता, इसलिए कई महिलाएं नियमित रूप से उन्हें मिश्री अर्पित करती हैं। लेकिन क्या यह सही है? इस सवाल पर ज्योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी कहते हैं, "शास्त्रों में कहा गया है 'अन्न ब्रह्म' यानी भोजन ही ईश्वर है। इसलिए यदि आप प्रेम और श्रद्धा से कुछ भी अर्पित करती हैं, तो वह पूर्णत: स्वीकार्य होता है।"

लड्डू गोपाल को रोज मिश्री अर्पित करता कितना सही है?

मिश्री का भोग हर घर में भगवान को लगाया जाता है। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि मिश्री का भोग लगाना भी चाहिए या नहीं। पंडित जी कहते हैं, "मिश्री को भारतीय संस्कृति में शुद्धता और मिठास का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल स्वाद में मीठी होती है, बल्कि मन और माहौल को भी शांत और सकारात्मक बनाती है। "

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण को बचपन से ही मिश्री और मक्खन बहुत पसंद थे। इसलिए भक्तजन उन्हें मिश्री का भोग लगाते हैं। ऐसा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

आध्यात्मिक रूप से देखा जाए तो मिश्री प्रेम, मधुरता और सौहार्द का प्रतीक मानी जाती है। जब इसे भगवान को अर्पित किया जाता है, तो ऐसा विश्वास है कि परिवार के लोगों के बीच आपसी रिश्तों में मिठास आती है और तनाव कम होता है।

विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो मिश्री एक शुद्ध और टिकाऊ पदार्थ है, जो जल्दी खराब नहीं होती। यह वातावरण को भी सकारात्मक और सात्त्विक बनाए रखने में मदद करती है। यही कारण है कि पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों में मिश्री का विशेष स्थान होता है। यह न केवल भगवान को प्रिय है, बल्कि जब किसी को प्रसाद के रूप में दी जाती है, तो उसके स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।

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लड्डू गोपाल को मिश्री का भोग लगाने के फायदे

लड्डू गोपाल यानी बाल रूप श्रीकृष्ण को मिश्री अत्यंत प्रिय है। उन्हें मिश्री का भोग लगाना सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने का एक सरल व प्रभावी उपाय भी माना जाता है। नीचे मिश्री अर्पित करने के प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  • धन में वृद्धि होती है : मान्यता है कि यदि रोज श्रद्धा से लड्डू गोपाल को मिश्री अर्पित की जाए तो घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा और सौहार्द बना रहता है: मिश्री को सात्त्विक और शुद्ध माना जाता है। भगवान को मिश्री अर्पित करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और पारिवारिक रिश्तों में प्रेम और मिठास आती है।
  • मानसिक तनाव और झगड़े कम होते हैं: मिश्री का संबंध शांति और संतुलन से है। इसे लड्डूगोपाल को भोग लगाने से मन शांत होता है और घर का माहौल सुखद रहता है, जिससे मानसिक तनाव, आपसी कलह और उलझनों में कमी आती है।

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नियमित श्रद्धा और प्रेम से लड्डू गोपाल को मिश्री का भोग लगाने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

रोजाना लड्डू गोपाल को मिश्री का भोग लगाना सही है और शास्त्र के अनुसार लाभकारी भी है। यह न केवल भगवान को प्रिय है बल्कि आपके जीवन में भी सुख-शांति और समृद्धि लाता है। यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें 'हरजिंदगी' से।

FAQ
मिश्री का भोग लगाते समय कौन-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?
 मिश्री शुद्ध और साफ होनी चाहिए, प्रेम व श्रद्धा से अर्पित करें, और भोग लगाने से पहले भगवान को जल से स्नान कराएं और तुलसी पत्र अवश्य रखें।
क्या मिश्री का भोग केवल गुरुवार या किसी विशेष दिन ही लगाना चाहिए?
नहीं, मिश्री का भोग किसी भी दिन लगाया जा सकता है। यदि आप रोज नहीं कर पाते तो शुक्रवार या गुरुवार को अवश्य करें।
क्या मिश्री खाने से भी कोई आध्यात्मिक लाभ होता है?
हां, मिश्री को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से मन शांत होता है, और यह स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है।
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