ज्योतिष के अनुसार, मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह की विशेष स्थिति के कारण उत्पन्न होती है। यदि कुंडली में मंगल ग्रह लग्न पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो, तो इसे मंगल दोष माना जाता है। यह दोष वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। आपको बता दें, मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने या शांत करने के लिए मंगल दोष शांति हवन कराना एक वैदिक अनुष्ठान है।
यह हवन विशेष मंत्रों और विधि-विधान के साथ किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे कुंडली में स्थित मंगल के अशुभ प्रभावों को कम कर सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से मंगलदोष शांति हवन करने की विधि, नियम और महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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मंगल दोष का सबसे प्रमुख प्रभाव वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। इसलिए मंगल दोष शांति हवन इन बाधाओं को दूर करने में शुभ फलदायी साबित हो सकता है। मंगल का सीधा संबंध व्यक्ति के करियर और व्यवसाय से भी है और अगर किसी जातक की कुंडली में मंगलदोष है तो वह शांति हवन जरूर कराएं।
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