कृष्ण छठी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के छठे दिन मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप के प्रति भक्ति और प्रेम को दर्शाता है। इस दिन नन्हे कान्हा को नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और काजल भी लगाया जाता है ताकि लाला को किसी की नजर न लगे। साथ ही, कृष्ण छठी पर कान्हा को कढ़ी-चावल का विशेष भोग भी लगाया जाता है। यह पर्व इस साल 21 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि कृष्ण छठी के दिन कैसे करें नन्हे कान्हा की पूजा और क्या है पूजन सामग्री।
कृष्ण छठी की पूजा सामग्री का महत्व यह है कि हर वस्तु भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप के प्रति प्रेम और भक्ति को दर्शाती है। कढ़ी-चावल का भोग उनके बचपन के सादे भोजन का प्रतीक है, जबकि काजल उन्हें बुरी नजर से बचाने और उनके श्रृंगार को पूर्ण करने के लिए लगाया जाता है, ठीक जैसे किसी नवजात शिशु को लगाया जाता है।
कृष्ण छठी की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह पूजा विशेष रूप से बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में सफलता के लिए की जाती है।
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