
चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना और शक्ति उपासना का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भक्तजन मां दुर्गा की प्रतिमा या कलश की स्थापना करते हैं और फिर आने वाली नवमी तक मातारानी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। फिर, दशमी तिथि को कलश और मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। यह प्रक्रिया बेहद शुभ मानी जाती है और इसे शास्त्रों में विशेष विधि से करने की सलाह दी गई है। कहते हैं, सही तरीके से कलश और मूर्ति का विसर्जन करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो चलिए इस लेख में ज्योतिष अरविंद त्रिपाठी हम चैत्र नवरात्रि के बाद, मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन की संपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

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