Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi or Samagri 2025: महालक्ष्मी व्रत संपन्न होने में 11 दिन हैं बाकी, सुख-समृद्धि पाने के लिए इस विधि से करें पूजा

अगर आप भी महालक्ष्मी व्रत का लाभ उठाना चाहती हैं और मां लक्ष्मी के महा स्वरूप की कृपा पाना चाहती हैं तो इन 11 दिनों में बताई गई विधि से पूजा करें।
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महालक्ष्मी व्रत एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर 16 दिनों तक चलता है। इस व्रत में माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। अगर आप भी महालक्ष्मी व्रत का लाभ उठाना चाहती हैं और मां लक्ष्मी के महा स्वरूप की कृपा पाना चाहती हैं तो वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा इन 11 दिनों में बताई गई विधि से पूजा करें। यह व्रत धन की देवी को समर्पित है और इसे करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती।

महालक्ष्मी व्रत सामग्री (Mahalaxmi Vrat Puja Samagri 2025)

महालक्ष्मी व्रत की पूजा में कई चीजें इस्तेमाल होती हैं जो माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय हैं। ऐसे में महालक्ष्मी व्रत की पूजा को संपन्न करने के लिए आपको ये सामग्रियां लानी होंगी:

kaise kare mahalakshmi vrat

  • लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति/तस्वीर: पूजा की चौकी पर स्थापित करने के लिए।
  • चौकी और लाल कपड़ा: मूर्ति रखने के लिए।
  • जल का कलश: गंगाजल या शुद्ध जल से भरा हुआ।
  • श्री यंत्र: यह माता लक्ष्मी का यंत्र है, इसे पूजा में रखना बेहद शुभ माना जाता है।
  • कमल के फूल: माता लक्ष्मी को कमल का फूल सबसे ज्यादा प्रिय है।
  • पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और चीनी मिलाकर बनाएं।
  • चांदी के सिक्के: अगर हो तो रखें।
  • धूप, दीप और अगरबत्ती: पूजा के लिए।
  • कपूर: आरती के लिए।

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  • फल, मिठाई और सूखे मेवे: प्रसाद के लिए।
  • लाल रंग की चुनरी: माता लक्ष्मी को अर्पित करने के लिए।
  • श्रृंगार का सामान: बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, मेहंदी, आदि।
  • अक्षत (चावल): पूजा में इस्तेमाल के लिए।
  • कुमकुम और हल्दी: तिलक लगाने के लिए।
  • कलावा (लाल धागा): 16 गांठों वाला धागा बनाने के लिए।
  • सुपारी, पान के पत्ते और लौंग: पूजा में चढ़ाने के लिए।
  • रोली: तिलक लगाने के लिए।
  • नारियल: श्रीफल के रूप में अर्पित करने के लिए।
  • बताशे या कोई अन्य सफेद मिठाई: प्रसाद के लिए।

महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि (Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi 2025)

महालक्ष्मी व्रत के दौरान पूजा की शुरुआत करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, पूजा के स्थान को अच्छी तरह से साफ करें। एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

mahalakshmi vrat kaise kare

उनके बगल में भगवान गणेश की मूर्ति भी रखें। पूजा के लिए सोलह गांठों वाला धागा तैयार करें जो इस व्रत में बहुत महत्वपूर्ण होता है। पूजा के दौरान हाथी को चारा खिलाना या उसकी सेवा करना बहुत शुभ माना जाता है।

इस दिन माता लक्ष्मी को कमल के फूल, पान, सुपारी, नारियल, फल और मिठाइयां अर्पित करें। पूजा में 16 प्रकार की चीजें चढ़ाने का विधान है। पूजा के समय 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करें।

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यह मंत्र माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी तरीका है। पूजा के बाद महालक्ष्मी व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। 16 दिनों के बाद व्रत का समापन होता है। समापन के दिन, व्रत के दौरान बनाए गए 16 गांठों वाले धागे को धारण करें।

यह धागा आपके जीवन में सुख और सौभाग्य लाता है। पूजा के बाद, प्रसाद को परिवार के सदस्यों और जरूरतमंदों में बांटें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है और घर में हमेशा बरकत रहती है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • महालक्ष्मी व्रत के दौरान क्या दान करना चाहिए?

    महालक्ष्मी व्रत के दौरान सफेद मिठाई, दूध, चावल और सफेद वस्त्र दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • महालक्ष्मी व्रत में कौन सा मंत्र जपना चाहिए?

    महालक्ष्मी व्रत में 'कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।