Shyama Tulsi Puja Rules: रामा तुलसी से कैसे अलग है श्याम तुलसी की पूजा? जानें

हिंदू धर्म में तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। अब ऐसे में रामा और श्यामा तुलसी की पूजा भी विभिन्न प्रकार से की जाती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
how worship of shyama tulsi different from rama tulsi know signficance
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हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है। तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा का बहुत महत्व है। तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। तुलसी की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। अब ऐसे में रामा तुलसी और श्यामा तुलसी की पूजा भी विभिन्न तरह से की जाती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि दोनों तुलसी की पूजा किस तरह की जाती है?

रामा तुलसी की पूजा का महत्व

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रामा तुलसी, जिसे उज्ज्वल तुलसी या श्री तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। रामा तुलसी को घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। यह तुलसी खुशहाली और शांति लाने के लिए मानी जाती है। तुलसी को भगवान विष्णु की सहधर्मिनी और भक्त माना जाता है। इसलिए, भगवान राम की पूजा में भी तुलसी का उपयोग किया जाता है, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं। रामा तुलसी को घर में लगाने से सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। ऐसी मान्यता है कि रामा तुलसी को घर में लगाने से सारे कष्ट दूर होते है। रामा तुलसी की पूजा शुक्रवार के दिन विशेष रूप से करने का विधान है।

श्यामा तुलसी की पूजा का महत्व

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श्यामा तुलसी को भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ माना जाता है, इसलिए इसे कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है। श्यामा तुलसी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा लाती है। ऐसा माना जाता है कि श्यामा तुलसी घर में सुरक्षा और समृद्धि लाती है। वहीं श्यामा तुलसी की पूजा गुरुवार के दिन करने का विधान है।

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रामा और श्यामा तुलसी पूजा के नियम

दोनों तुलसी के पौधे को नियमित रूप से जल अर्पण करना चाहिए। लेकिन रविवार, एकादशी और ग्रहण के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
शाम के समय रामा और श्यामा तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना चाहिए।
रामा तुलसी की परिक्रमा 11 बार लगानी चाहिए और श्यामा तुलसी का पूजा 21 बार लगानी चाहिए।

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रामा तुलसी की पूजा में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और श्यामा तुलसी की पूजा में भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप विशेष रूप से करनी चाहिए।

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Image Credit- HerZindagi

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