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Ganga Saptami Puja Vidhi 2025: गंगा सप्तमी के दिन इस विधि से करें पूजा, जानें सामग्री और मंत्र

ऐसा माना जाता है कि मां गंगा की गंगा सप्तमी के दिन पूजा करने से घर में खुशहाली बनी रहती है और कभी भी धन-धान्य का अभाव नहीं होता है। ऐसे में आइये जानते हैं गंगा सप्तमी की पूजा विधि।  
Editorial
Updated:- 2025-05-03, 06:03 IST

गंगा सप्तमी की पूजा इस साल 3 मई, शनिवार के दिन की जाएगी। गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की आराधना का विधान है। ऐसा माना जाता है कि मां गंगा की इस दिन पूजा करने से घर में खुशहाली बनी रहती है और कभी भी धन-धान्य का अभाव नहीं होता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं गंगा सप्तमी की पूजा विधि, सामग्री और मंत्र के बारे में विस्तार से।

गंगा सप्तमी 2025 गंगा घाट पर मां गंगा की पूजा के लिए सामग्री (Ganga Saptami Puja Samagri List)

  • फूल: ताज़े और सुगंधित फूल जैसे गुलाब, गेंदा, चमेली, आदि। आप दस प्रकार के फूल ले सकते हैं।
  • फल: मौसमी फल जैसे आम, केला, सेब, अनार, आदि। दस प्रकार के फल लेना शुभ माना जाता है।
  • मिठाई: अपनी श्रद्धा अनुसार कोई भी मिठाई। दस प्रकार की मिठाई अर्पित करना अच्छा होता है।
  • दीपक: मिट्टी या पीतल का दीपक और उसमें जलाने के लिए घी या तेल। दस दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
  • बाती: रूई की बाती।
  • धूप और अगरबत्ती: सुगंधित धूप और अगरबत्ती।
  • रोली और चंदन: तिलक लगाने के लिए रोली और चंदन।
  • अक्षत: चावल के दाने।
  • नैवेद्य: गंगा मां को अर्पित करने के लिए कुछ अनाज या पका हुआ भोजन।
  • पान के पत्ते: दस पान के पत्ते
  • सुपारी: दस सुपारी।
  • लौंग और इलायची: गंगा में अर्पित करने के लिए।
  • गंगाजल: एक लोटे में गंगाजल।
  • वस्त्र: मां गंगा को अर्पित करने के लिए चुनरी या वस्त्र।
  • दक्षिणा: अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ पैसे।
  • कलश: यदि आप गंगाजल भरकर अर्पित करना चाहते हैं।
  • आम के पत्ते: कलश पर रखने के लिए।

ganga saptami 2025 ke puja mantra

गंगा सप्तमी 2025 गंगा घाट पर मां गंगा की पूजा विधि

गंगा सप्तमी के दिन गंगा घाट पर पवित्र स्थान चुनें। मां गंगा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। दीपक और धूप जलाएं। रोली और चंदन का तिलक लगाएं। गंगाजल अर्पित करें। मां गंगा की आरती गाएं और मंत्रों का जाप करें। अपनी मनोकामनाएं मां गंगा से कहें। प्रसाद वितरित करें। संभव हो तो गंगा नदी में दीपदान करें और दस डुबकियां लगाएं।

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गंगा सप्तमी 2025 घर पर मां गंगा की पूजा के लिए सामग्री

  • मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति
  • एक साफ चौकी: जिस पर आप मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करेंगे।
  • गंगाजल: एक पात्र में गंगाजल।
  • फूल: ताज़े फूल।
  • फल: कोई भी मौसमी फल।
  • मिठाई: भोग लगाने के लिए।
  • दीपक: घी या तेल का दीपक और बाती।
  • धूप और अगरबत्ती: मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष जलाने के लिए।
  • रोली और चंदन: मां गंगा की प्रतिमा को लगाने के लिए।
  • अक्षत: मां गंगा को अर्पित करने के लिए।
  • नैवेद्य: मां गंगा के भोग हेतु।
  • कलावा: मां गंगा की प्रतिमा को वस्त्र के रूप में पहनाने के लिए।
  • लाल कपड़ा या चुनरी: मां गंगा को अर्पित करने के लिए।
  • श्रृंगार का सामान: यदि आप चाहें तो जैसे सिंदूर, चूड़ियां आदि।

ganga saptami 2025 ki samagri

गंगा सप्तमी 2025 घर पर मां गंगा की पूजा विधि (Ganga Saptami Puja Vidhi)

घर के किसी पवित्र स्थान को साफ करें और चौकी स्थापित करें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। गंगाजल भरे पात्र को पास में रखें। मां गंगा को फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। दीपक और धूप जलाएं। रोली और चंदन का तिलक लगाएं। अक्षत चढ़ाएं। नैवेद्य अर्पित करें। मां गंगा की आरती गाएं और उनके मंत्रों का जाप करें। अपनी मनोकामनाएं मां गंगा से कहें। घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित करें। आप नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान भी कर सकते हैं।

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गंगा सप्तमी 2025 मां गंगा के मंत्र (Ganga Saptami Puja Mantra)

ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नमः।। यह मंत्र गंगा मां को समर्पित सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। इसका जाप करने से सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान करते समय तीन बार डुबकी लगाते हुए इस मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी है।

गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।। इस मंत्र का अर्थ है कि जो मनुष्य सौ योजन दूर से भी 'गंगा गंगा' कहता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है और विष्णुलोक को जाता है। गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।। यह मंत्र मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। गंगा स्नान के समय इसका उच्चारण करना लाभकारी है।

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मां गंगा के पुत्र का क्या नाम है?
मां गंगा के पुत्र का नाम भीष्म है।
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