आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन पूजा के बाद भगवान विष्णु पाताल में वास करते हुए योगनिद्रा में चले जाते हैं जिसके कारण सृष्टि का पालन भगवान शिव इन 4 महीनों के लिए करते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है ताकि उनके अभाव में भी घर में इन चार महीनों तक शुभता बनी रहे। इसके अलावा, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि भगवान विष्णु की कृपा बनाए रखने और चातुर्मास की अशुभता से बचने के लिए देवशयनी एकादशी के दिन दान अवश्य करना चाहिए। हालांकि इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि इस दिन दान में क्या दें और क्या नहीं।
देवशयनी एकादशी के दिन सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है गौ दान। शास्त्रों में बताया गया है कि देवशयनी एकादशी के दिन गौ दान करने से इसका चौगुना फल प्राप्त होता है और मां लक्ष्मी का घर में वास स्थापित होता है। गौ दान नहीं कर सकते तो गाय को भोजन कराएं।
देवशयनी एकादशी के दिन जरूरतमंदों, गरीबों या ब्राह्मणों को अन्न, जल और फल का दान करना चाहिए। इन तीनों चीजों का दान करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, घर की उन्नति होती है, घर में कभी भी धन का अभाव नहीं होता है और शांति स्थापित होती है।
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भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में देवशयनी एकादसी के दिन पीले रंग के वस्त्र, पीला चंदन या केसर का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ये चीजें मंदिर में या फिर ऐसे व्यक्ति के घर दान करनी चाहिए जहां भगवान की पूजा के लिए उपयुक्त सामान की कमी हो।
भगवान विष्णु को शंख अत्यंत प्रिय है। देवशयनी एकादशी के दिन शंख और तांबे के पात्र का दान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, इन चीजों का दान करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है और सकारात्मकता बनी रहती है।
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अक्सर लोग पुण्य प्राप्ति के लिए धार्मिक ग्रंथों का दान करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि धार्मिक ग्रंथों या पुस्तक का दान करने से सत्कर्म में वृद्धि होती है, लेकिन देवशयनी एकादशी के दिन किसी भी धार्मिक पुस्तक का दान करने से दोष लगता है और व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है।
कभी भी ऐसी चीज़ों का दान न करें जो दूषित, खराब या किसी भी तरह से अपवित्र हों। दान हमेशा स्वच्छ और अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुओं का ही करना चाहिए। अगर इस भाव से किसी वस्तु का दाना करेंगे कि आपके किसी काम की नहीं है और दूसरे को दे देते हैं तो पाप लगेगा।
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दान हमेशा अपनी ईमानदारी से कमाई हुई वस्तु या धन का ही करना चाहिए। किसी का हक मारकर या गलत तरीके से अर्जित धन का दान करने से कोई पुण्य नहीं मिलता। विशेष रूप से एकादशी के दिन अगर आप दाना करना का सोच रहे हैं और उसमें भी खासकर देवशयनी एकादशी पर।
लोहे या प्लास्टिक को धार्मिक एवं ज्योतिष दृष्टि से अशुद्ध माना गया है। ऐसे में इन दो धातुओं से बनी किसी भी वस्तु का दान न करें क्योंकि इससे पुण्य की प्राप्ति नहीं होगी एवं राहु दोष लगेगा वो अलग। शास्त्रों के अनुसार, अशुद्ध धातुओं के दान से राहु कुंडली में कमजोर हो सकता है।
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