हर महीने पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का अलग महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से मोक्ष प्राप्त होता है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन इस बार भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि पर इस बार चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ऐसे में पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं इसमें स्नान-दान और पूजा का शुभ मुहूर्त एवं महत्व क्या है?
इस बार भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 6 सितंबर को मध्य रात्रि में रात 1 बजकर 42 मिनट से पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा और 7 सितंबर को रात 11 बजकर 39 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। ऐसे में इस तिथि पर रखा जाने वाला व्रत 7 सितंबर को रखा जाएगा। लेकिन इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है।
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भाद्रपद पूर्णिमा तिथि में इस साल चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसे में आपको ग्रहण के समय का खास ध्यान रखना होगा, ताकि आप व्रत का पारण सही तरीके से और समय पर कर सके।
भाद्रपद पूर्णिमा में इस साल ग्रहण किस समय लग रहा है ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत चंद्रोदय शाम 6 बजकर 26 मिनट पर होगा, और इसी के बाद चंद्र देव की पूजा करके व्रत पारण किया जा सकता है।
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