sawan shivratri 2025 shivling jalabhishek muhurat

भद्रा में पड़ रही है सावन शिवरात्रि, क्या शिवलिंग का जलाभिषेक करने से वंचित रह जाएंगे भक्तजन? पंडित जी से जानें सही नियम

साल 2025 में सावन शिवरात्रि 23 जुलाई, बुधवार को मनाई जाएगी। इस साल सावन शिवरात्रि पर भद्रा का साया पड़ रहा है। ऐसे में आइये जनते हैं सावन शिवरात्रि पर किस समय करें जलाभिषेक और क्या है इसका महत्व।
Updated:- 2025-07-18, 15:37 IST

सावन शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत खास महत्व है क्योंकि यह पावन सावन महीने में आती है और भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कालसर्प दोष जैसे कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।

विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। साल 2025 में सावन शिवरात्रि 23 जुलाई, बुधवार को मनाई जाएगी। इस साल सावन शिवरात्रि पर भद्रा का साया पड़ रहा है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जनते हैं सावन शिवरात्रि पर किस समय करें जलाभिषेक और क्या है इसका महत्व।

सावन शिवरात्रि 2025 पर भद्रा का समय क्या है?

सावन शिवरात्रि 2025 पर भद्रा का समय 23 जुलाई 2025, बुधवार को सुबह 04:39 बजे से दोपहर 03:31 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या नए कार्य की शुरुआत करने से बचा जाता है।

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हालांकि, भगवान शिव की पूजा के लिए भद्रा काल का प्रभाव उतना गहरा नहीं माना जाता खासकर जब यह स्वर्ग लोक में वास करती हो। जब भद्रा स्वर्ग लोक में होती है, तो उसका प्रभाव पृथ्वी लोक पर कम होता है और इसे अपेक्षाकृत कम हानिकारक माना जाता है।

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इसलिए, भक्त दोपहर 03:31 बजे के बाद, जब भद्रा समाप्त हो जाए तब भगवान शिव की पूजा या जलाभिषेक कर सकते हैं। हालांकि, इस दिन शिवलिंग जलाभिषेक के लिए शुभ समय भी पंचक में बताया गया है जिसमें शिव जी की आराधना करने से वह शीघ्र ही प्रसन्न हो जाएंगे।

सावन शिवरात्रि 2025 पर जलाभिषेक का समय क्या है?

सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव के लिए रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय शुभ रहेगा। यह शाम को पूजा शुरू करने का पहला शुभ समय होता है। 23 जुलाई 2025 को रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 07:17 बजे से रात 09:53 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप विधि-विधान से शिव जी का जलाभिषेक कर सकते हैं।

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इसके अलावा, रात के दूसरे प्रहार की पूजा का समय भी है। यह रात्रि में पूजा का दूसरा महत्वपूर्ण चरण होता है। 23 जुलाई 2025 को रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का समय रात 09:53 बजे से देर रात 12:28 बजे तक रहेगा। यह मुहूर्त भी जलाभिषेक और शिव आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है खासकर उन भक्तों के लिए जो रात्रि जागरण कर पूजा करते हैं।

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image credit: herzindagi 

FAQ
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को कौन से फूल अर्पित करें?
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को अपराजिता या कनेर का फूल चढ़ाना बहुत शुभ होता है।
सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव को क्या भोग लगाएं?
सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव को किसी भी मौसमी फल और मिठाई का भोग लगा सकते हैं।
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