गोवर्धन पूजा का धार्मिक महत्व यह है कि यह भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र के अहंकार को तोड़ने और गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों तथा गौवंश की रक्षा करने की घटना से जुड़ा है, इसलिए इस दिन प्रकृति, पर्वत और गौ माता की पूजा की जाती है। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है और इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करके अन्नकूट का भोग लगाने से कुंडली में चंद्र और शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है, धन-धान्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में आइये जानते हैं गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
गोवर्धन पूजा का त्योहार हमेशा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की परेवा को मनाया जाता है। इस बार अमावस्या की तिथि लंबी पड़ रही है और दिवाली दो दिन मनाई जा रही है। हालांकि, लक्ष्मी पूजन 20 की रात्रि को ही होगा। पंडित जी कहते हैं," इस पर्व की उदया तिथि 22 अक्टूबर को है। चंद्रमा के उदय से पूर्व यह पर्व 21 को भी मनाया जा सकता है, मगर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर का ही आ रहा है। दरअसल, इस पर्व को चंद्रमा के उदय से पहले ही मनाना चाहिए।"
इसे जरूर पढ़ें- गोवर्धन पूजा में गाय के गोबर से क्यों बनाया जाता है गिरिराज पर्वत, इसके महत्व से जुड़ी ये बातें नहीं जानती होंगी आप
22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 25 मिनट से शुरु होकर सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक आप पूजा कर सकती हैं। वहीं शाम को 3 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 45 मिनट तक इस पूजा को करने का शुभ मुहूर्त रहेगा।
इसे जरूर पढ़ें- इस श्राप की वजह से धीरे-धीरे घट रहा है गोवर्धन पर्वत? जानिए इसके पीछे की कथा
गोवर्धन पूजा से जुड़ी यह जानकारी आपको कैसी लगी? यदि आपको लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।