हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। यही वजह है कि यह पौधा आपको हर हिंदू घर में देखने को मिल जाता है। तुलसी की पूजा करना, उसे जल अर्पित करना और उसके पास दीपक जलाना एक पुरानी परंपरा है, लेकिन चातुर्मास यानी देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक की चार महीने की अवधि के दौरान तुलसी पूजा बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान तुलसी के पास दीपक जलाने का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में होते हैं, और तुलसी के माध्यम से उनकी पूजा विशेष फलदायी होती है। बहुत से लोग इस परंपरा का पालन करते हैं, लेकिन शायद सभी इसके पीछे के गहरे आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभों से वाकिफ नहीं होते। पंडितों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चातुर्मास में रोजाना तुलसी के पास दीपक जलाने से धार्मिक लाभ मिलने के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य भी बना रहता है। आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि चातुर्मास में तुलसी के पास रोजाना दीपक जलाने के क्या-क्या फायदे हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास में तुलसी के पौधे के पास रोजाना दीपक जलाना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह परंपरा सिर्फ एक रीति नहीं, बल्कि इसके कई गहरे आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभ हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का ही एक रूप माना जाता है। चातुर्मास वह समय है जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। ऐसे में तुलसी के पास दीपक जलाने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं। पंडित जी बताते हैं कि इससे घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और आर्थिक समृद्धि आती है। लक्ष्मी जी का स्थायी वास होता है और नारायण का आशीर्वाद बना रहता है।
दीपक की लौ प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक है। तुलसी के पास दीपक जलाने से निकलने वाली ऊर्जा घर के वातावरण को शुद्ध करती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा या बुरी शक्तियों का प्रभाव कम होता है। घर का माहौल शांतिपूर्ण और सुखमय बना रहता है।
तुलसी को आयुर्वेद में भी औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। दीपक जलाने से उत्पन्न होने वाली गर्मी और तुलसी के औषधीय गुण वातावरण को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। पंडित जी के अनुसार, यह उपाय घर के सदस्यों को रोगों से मुक्ति दिलाने और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह एक प्रकार से घर के वायुमंडल को शुद्ध करता है, जिससे मौसमी बीमारियों का खतरा कम होता है।
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माना जाता है कि चातुर्मास में तुलसी की पूजा और दीपक जलाने से भगवान विष्णु भक्तों की प्रार्थना शीघ्र सुनते हैं। अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और विवाहित जोड़ों के जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। जिन लोगों की मनोकामनाएं पूरी नहीं हो रही होती हैं, उन्हें इस उपाय से विशेष लाभ मिलता है।
कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के पास दीपक जलाना पितृ दोष और कालसर्प दोष जैसे गंभीर दोषों के निवारण में भी सहायक हो सकता है। इससे पितरों को शांति मिलती है और परिवार को उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है और दीपक का संबंध सूर्य और मंगल से। पंडित जी के मत से, तुलसी के पास दीपक जलाने से कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं, विशेषकर अगर कोई ग्रह प्रतिकूल स्थिति में हो। यह घर से वास्तु दोष को भी दूर करने में सहायक होता है।
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