Why Days Are In This Order: ब्रह्मांड में मौजूद हर एक चीज के पीछे कोई न कोई वजह जरूर है। पहले के समय लोग हर एक मान्यता के पीछे शास्त्रों या मान्यताओं को जोड़कर देखते थे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सप्ताह में रविवार के बाद सोमवार और इसके बाद मंगलवार क्यों आता है। अगर कोई इस विषय पर सवाल पूछ लें कि आखिर ऐसा क्यों तो शायद इसका जवाब हमारे पास भी नहीं है। लेकिन अगर ध्यान और प्रैक्टिकल होकर सोचा जाए, तो यह लॉजिकल सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों कि रविवार के बाद सोमवार और मंगल फिर बुधवार का क्रम क्यों चलता है। यह सवाल शायद आपके मन में तब आया होगा जब आप स्कूल में दिनों के नाम याद कर रहे होंगे या कैलेंडर देखते हुए कभी अचानक इस पर आपका ध्यान गया होगा। हमें सभी को बचपन में सिखा दिया गया कि सोमवार के बाद मंगलवार और फिर बुधवार आता है। लेकिन शायद ही हम सभी ने कभी-भी इस पर गहराई से सोचा हो।
आज हम भले ही मोबाइल पर लिखी डेट और समय देखते हो। लेकिन हफ्ते के इन दिनों का नामकरण और उनका क्रम हजारों साल पहले तय किया गया था। नीचे ज्योतिष उदित नारायण त्रिपाठी से समझिए कि आखिर सप्ताह का क्रम कैसे हुआ तय।
अगर गौर करें तो हफ्ते के पहले दिन रविवार, अब ऐसे में समझें तो प्रमुख ग्रह रवि होता है। इस बात से सप्ताह का पहला दिन रविवार सबसे ऊपर समझा जा सकते हैं। अगर ग्रहों के आकार से समझें तो सूर्य के बाद दूसरा बड़ा ग्रह बृहस्पति इसके बाद शनि है। इस हिसाब से अगर देखें तो रविवार के बाद बृहस्पतिवार फिर शनिवार आना चाहिए था, लेकिन ऐसा तो है नहीं। इसके बाद अगर दूरी के हिसाब से भी देखते हैं, तो सूर्य के नजदीक बुध ग्रह, तो ऐसे में संडे के बाद वेडनेसडे आना चाहिए। परंतु ऐसा नहीं, सीधे शब्दों में कहे तो हफ्ते के 7 दिन में ग्रहों के आकार और दूरी की बात नहीं है। अब ऐसे में सवाल आता है कि आखिर सप्ताह का तय क्रम किस अनुसार तैयार किया गया है।
इसे भी पढ़ें- Astro Tips: आपकी ये 5 बुरी आदतें कुंडली में शुक्र को करती है कमजोर
अब बात करते हैं कि सप्ताह के क्रम के पीछे की वजह के बारे में, तो संडे के बाद मंडे और फिर ट्यूसडे आने का सीक्वेंस वैदिक ज्योतिष साइंस से लिया गया है। वैदिक ज्योतिषशास्त्र में एक शब्द होरा है। इस शब्द से ग्रीक में हॉरस्कोप बना है। अब ऐसे में ऐसा होता है कि अगर पहली होरा सूर्य की है, तो 24 घंटे बाद जब 25वां घंटा यानी जो नेक्स्ट होरा होगी वह होगी चंद्रमा की। इसके बाद जो अगले दिन की होरा होगी वह मंगल की होगी। मंगल के बाद अगली होरा बुध की होगी।
वैदिक एस्ट्रोलॉजी के अनुसार होरा के गणना का जो क्रम है वह यानी सूर्य के बाद चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और फिर शनि। उसी सीक्वेंस में हफ्ते के ये 7 दिन तय किए गए है।
इसे भी पढ़ें- मिथुन संक्रांति के दिन करें इस चालीसा का पाठ, बाधाओं से मिल सकता है छुटकारा
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।