asadh amavasya 2025 things should be avoid using dead person to get rid of pitru dosha

आषाढ़ अमावस्या के दिन मृत परिजनों की ये वस्तुएं बन सकती हैं पितृदोष का कारण, भूलकर भी न करें इस्तेमाल

आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृदोष दूर करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। अब ऐसे में इस दिन पितरों की कुछ ऐसी चीजें हैं। जिनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-06-24, 13:50 IST

हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का विशेष महत्व है। यह तिथि आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पड़ती है। इस दिन को पितरों की शांति और पितृदोष के निवारण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। अमावस्या तिथि का आरंभ 24 जून, मंगलवार को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर होगा और इसका समापन 25 जून, बुधवार को शाम 4 बजकर 2 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, 25 जून को ही यह अमावस्या मानी जाएगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग भी बन रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है।
यह दिन विशेष रूप से पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए समर्पित है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। आषाढ़ अमावस्या पितरों की शांति, तंत्र-शांति, कालसर्प शांति और दरिद्रता नाशक मानी जाती है। अब ऐसे में आषाढ़ अमावस्या के दिन मृत परिजनों की कुछ ऐसी वस्तुएं हैं। जिनका इस्तेमाल करने से व्यक्ति को पितृदोष लग सकता है। इसलिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

मृत परिजनों के कपड़े और आभूषण न करें इस्तेमाल

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जब कोई अपना हमें छोड़कर चला जाता है, तो उनकी यादें हमारे साथ रह जाती हैं। इन यादों में उनके कपड़े और आभूषण भी शामिल होते हैं, जिनसे हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं। मृत परिजनों के कपड़े और आभूषणों से गहरा जुड़ाव होता है। ये चीजें उनकी याद दिलाती हैं और हमें उनके साथ बिताए पलों की स्मृति में ले जाती हैं। इसलिए अगर आप इनका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आज ही बंद कर दें। क्योंकि इससे पितृदोष लग सकता है।

मृत व्यक्ति द्वारा प्रयोग की गई धार्मिक वस्तुओं का न करें इस्तेमाल

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हर इंसान की एक निजी ऊर्जा होती है, जो उसके इस्तेमाल की गई चीज़ों में बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति गुजर जाता है, तो उसकी धार्मिक वस्तुएं, जैसे कि माला, पूजा की किताब या कोई और पवित्र चीज़, अगर कोई जीवित व्यक्ति इस्तेमाल करता है, तो उस मृत व्यक्ति की ऊर्जा उस जीवित व्यक्ति में आ सकती है। अब, अगर वह ऊर्जा नकारात्मक थी या मृत आत्मा किसी कारण से असंतुष्ट थी, तो यह ऊर्जा जीवित व्यक्ति के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। यह उसके मन, शरीर या जीवन पर बुरा असर डाल सकती है। इसलिए, ऐसी चीजों का इस्तेमाल करने से पहले अक्सर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

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मृत व्यक्ति के पहनें जूते न करें इस्तेमाल

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जूते अक्सर व्यक्ति के दैनिक जीवन का हिस्सा होते हैं और जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो वह ऊर्जा नकारात्मकता में बदल जाती है। इतना ही नहीं, जो व्यक्ति मृतक के पहनें हुए जूते पहनता है तो उसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है और उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां हो सकती है और उस व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है।

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Image Credit- HerZindagi

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