नवरात्रि में कई घरों में कलश स्थापना के साथ-साथ अखंड दीपक जलाने का भी संकल्प लिया जाता है, मगर दीपक में बाती रूई की होनी चाहिए या लाल धागे की, इसको लेकर सभी में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। इसलिए हमने पंडित सौरभ त्रिपाठी से इस पर बात की और जाना कि अखंड दीपक में किस तरह की बाती लगाने से क्या फल प्राप्त होता है।
पंडित जी कहते हैं, "हिंदू धर्म में दीपक जलाने का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है। यह घर में सुख-शांति का प्रतीक माना गया है। घर में अखंड दीपक जलाने के कुछ नियम-कायदे भी हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। सबसे पहला नियम तो यही है कि आप सही बाती का इस्तेमाल करें और लोग यहीं पर भ्रमित हो जाते हैं। खासकर बाती रूई की हो या लाल धागे की, यह लोगों को नहीं पता होता है। जबकि दोनों का ही अपना-अपना महत्व होता है।"
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दोनों का ही अलग-अलग महत्व है और दोनों को ही अखंड ज्योति में लगाया जा सकता है, मगर आपको इसके सही नियमों का ज्ञान होना चाहिए। इस बारे में पंडित जी विस्तार से बता रहे हैं -
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पंडित जी कहते हैं, "शास्त्रों में बताया गया है कि दीपक की बाती केवल हमें प्रकाश नहीं देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि साधक की नीयत क्या है और वह किस उद्देश्य से पूजा कर रहा है।"
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