29 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय रूप से बेहद खास है क्योंकि यह सोमवार का दिन है और शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन है। इस दिन सप्तमी तिथि देर रात तक रहेगी और यह तिथि मां कालरात्रि को समर्पित है। मां कालरात्रि की पूजा से भय, शत्रु और सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, और भक्त को साहस और शुभ फल प्राप्त होते हैं। पंचांग के अनुसार, एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि इस दिन पुष्य नक्षत्र भी दोपहर तक रहेगा, जिसे ज्योतिष में एक शुभ नक्षत्र माना जाता है, जिससे किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। इसके साथ ही, इस दिन वृद्धि योग भी बन रहा है, जो किसी भी कार्य में वृद्धि और बढ़ोतरी के लिए बहुत उत्तम माना जाता है, इसलिए यह दिन आध्यात्मिक और नए कार्यों की शुरुआत के लिए बहुत शुभ है।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
अश्विन शुक्ल सप्तमी | मूल | सोमवार | सौभाग्य | वणिज |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 06:13 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:09 बजे |
चंद्रोदय | दोपहर 12:52 बजे |
चंद्रास्त | रात 10:53 बजे |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:37 बजे से 05:25 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक |
अमृत काल | देर रात 11:15 बजे से अगली सुबह 01:01 बजे तक |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 07:43 बजे से दोपहर 09:12 बजे तक |
गुलिक काल | दोपहर 01:41 बजे से दोपहर 03:10 बजे तक |
यमगंड | सुबह 10:42 बजे से सुबह 12:11 बजे तक |
29 सितंबर 2025 का दिन मुख्य रूप से शारदीय नवरात्रि के कारण खास है, क्योंकि इस दिन महा सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा। यह नवरात्रि का सातवां दिन होता है और इस दिन मां दुर्गा के अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की उपासना करने से भक्तों के सभी भय, शत्रु और बुरी शक्तियां दूर होती हैं। इसके अलावा, सप्तमी तिथि होने के कारण इस दिन बंगाल और पूर्वी भारत में नवपत्रिका पूजा और सरस्वती आवाहन का विधान भी होता है, जिसमें ज्ञान की देवी सरस्वती का आह्वान किया जाता है।
इस दिन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह सोमवार का दिन है, जो भगवान शिव और चंद्र देवता को समर्पित होता है। हालांकि, नवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्त मुख्य रूप से मां दुर्गा के सातवें स्वरूप पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। धार्मिक कैलेंडर के अनुसार, 29 सितंबर 2025 को महा सप्तमी और मां कालरात्रि की पूजा ही सबसे प्रमुख व्रत और त्यौहार हैं, जो भक्तों के जीवन में साहस, शक्ति और शुभता लाते हैं।
29 सितंबर 2025 को महा सप्तमी और मां कालरात्रि की पूजा होने के कारण आपको विशेष रूप से भय, शत्रु और बाधाओं को दूर करने के उपाय करने चाहिए। इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं और पूजा के बाद इस प्रसाद को किसी गरीब या ज़रूरतमंद को दान कर दें। यह उपाय आपके जीवन से हर तरह के शोक और संकट को समाप्त करने में मदद करता है। इसके साथ ही, मां कालरात्रि को लाल या नीले रंग के फूल अर्पित करें और उनके मंत्र 'ॐ कालरात्र्यै नमः' का जाप करें।
चूँकि यह दिन सोमवार भी है, इसलिए भगवान शिव की पूजा करना भी शुभ रहेगा। इस दिन शिवजी पर जल और दूध चढ़ाएँ। समस्याओं और बाधाओं को दूर करने के लिए, हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत प्रभावी माना जाता है, खासकर यदि आप किसी प्रकार के अज्ञात भय से पीड़ित हैं। इन उपायों को श्रद्धा और सच्चे मन से करने पर आपको साहस, आत्मविश्वास और जीवन में स्थिरता की प्राप्ति होगी।
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