
26 अक्टूबर 2025 का पंचांग कई खास बातें बताता है जैसे यह दिन रविवार है और इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि सुबह तक रहेगी जिसके बाद षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। इस पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का पर्व भी मनाया जाता है जो व्यापार और सुख-समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है। नक्षत्र की बात करें तो सुबह लगभग 10:46 बजे तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा जिसके बाद मूल नक्षत्र लगेगा और साथ ही सुबह जल्दी लगभग 6:46 बजे तक शोभन योग रहेगा, इसलिए कोई भी नया शुभ कार्य करने के लिए शुरुआती समय को विशेष रूप से अच्छा माना जा रहा है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण | 
| कार्तिक शुक्ल षष्ठी | मूल | सोमवार | अतिगण्ड | बालव | 

| प्रहर | समय | 
| सूर्योदय | लगभग 6:29 AM | 
| सूर्यास्त | लगभग 5:39 PM | 
| चंद्रोदय | लगभग 11:35 AM | 
| चंद्रास्त | लगभग 9:41 PM | 
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय | 
| ब्रह्म मुहूर्त | प्रातः 04:47 बजे से प्रातः 05:38 बजे तक | 
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक | 
| अमृत काल | प्रातः 06:30 बजे से प्रातः 07:53 बजे तक | 
| गोधूलि मुहूर्त | शाम 05:40 बजे से शाम 06:06 बजे तक | 
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:56 बजे से दोपहर 02:41 बजे तक | 
| रवि योग | दोपहर 01:27 बजे से अगले दिन (28 अक्टूबर) सूर्योदय तक | 
| निशिता मुहूर्त | रात 11:39 बजे से देर रात 12:31 बजे तक | 
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय | 
| राहु काल | सुबह लगभग 07:52 बजे से 09:16 बजे तक | 
| गुलिक काल | दोपहर लगभग 01:28 बजे से 02:52 बजे तक | 
| यमगंड | सुबह लगभग 10:40 बजे से 12:04 बजे तक | 

27 अक्टूबर 2025 को प्रमुख रूप से छठ पूजा का महत्वपूर्ण दिन है, जिसे संध्या अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है, इस दिन श्रद्धालु डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य (जल का चढ़ावा) देते हैं और संतान की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखते हैं। इस तिथि को स्कन्द षष्ठी और सूर सम्हारम जैसे पर्व भी मनाए जाते हैं, जो क्रमशः भगवान कार्तिकेय (स्कन्द) की पूजा और सूर्य भगवान की आराधना को समर्पित हैं।
27 अक्टूबर 2025 का दिन सोमवार है, इसलिए इस दिन के मुख्य उपायों में भगवान शिव की पूजा करना, शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाना और शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है, जिससे मन को शांति मिलती है और चंद्रमा (जो सोमवार के स्वामी हैं) की कृपा प्राप्त होती है; इसके अलावा, इस दिन छठ पूजा का संध्या अर्घ्य भी है, इसलिए सूर्य देव को अर्घ्य देने और छठी मैया की पूजा करने से उत्तम स्वास्थ्य, संतान सुख और घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी, साथ ही अशुभ समय (राहुकाल, यमगण्ड) से बचने के लिए महत्वपूर्ण कार्य दोपहर के शुभ मुहूर्त (जैसे अभिजीत मुहूर्त) में ही करें।
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