maha kumbh ka sthan kaise chuna jata hai

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ लगाने के लिए कैसे चुना जाता है स्थान?

साल 2025 में महाकुंभ पौष माह की पूर्णिमा यानी कि 13 जनवरी 2025, दिन सोमवार से आरंभ होगा। वहीं, इसका समापन महाशिवरात्रि पर यानी कि 26 फरवरी 2025, दिन रविवार को होगा। ऐसे में महाकुंभ पूरे 45 दिनों तक चलेगा।
Editorial
Updated:- 2024-11-26, 07:30 IST

हर 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले को महाकुंभ के नाम से जाना जाता है। महाकुंभ में संत समाज और नागा साधुओं का भारी मात्रा में जमावड़ा लगता है। इसके अलावा, सनातनी भक्त जन भी कुंभ का हिस्सा बनते हैं। 12 सालों में लगने वाले इस महाकुंभ की दिव्यता किसी त्यौहार से भी कही ज्यादा ऊपर मानी जाती है। धार्मिक दृष्टि के अनुसार कहें तो महाकुंभ सनातनियों का वो पर्व है जो भक्ति की आलौकिक शक्ति को दर्शाता है।

साल 2025 में महाकुंभ पौष माह की पूर्णिमा यानी कि 13 जनवरी 2025, दिन सोमवार से आरंभ होगा। वहीं, इसका समापन महाशिवरात्रि पर यानी कि 26 फरवरी 2025, दिन रविवार को होगा। ऐसे में महाकुंभ पूरे 45 दिनों तक चलेगा। महाकुंभ से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इसी कड़ी में ऐसे ही महाकुंभ के स्थान से संबंधित रोचक तथ्य के बारे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

कैसे होता है महाकुंभ के स्थान का चयन?

kaha lag rha hai 2025 mein maha kumbh

महाकुंभ के स्थान का चयन ग्रहों के राजा सूर्य और गुरु बृहस्पति की दिशा और दशा के अनुसार किया जाता है। जब देव गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में विराजित होते हैं और सूर्य ग्रह का स्थान मेष राशि में होता है। तब महाकुंभ का आयोजन हरिद्वार में किया जाता है।

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वहीं, जब देवताओं के गुरु बृहस्पति ग्रह के रूप में सिंह राशि में विद्यमान होते हैं और सूर्य उच्च स्थान के साथ मश राशि में बैठते है तब महाकुंभ उज्जैन में लगता है। मान्यता है कि उज्जैन में महाकुंभ जब भी लगता है तब वहां साक्षात भगवान शिव का वास होता है।

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kab lag rha hai maha kumbh 2025 mein

जब गुरु और सूर्य की युति हो रही हो और बृहस्पति ग्रह एवं सूर्य ग्रह दोनों ही सिंह राशि में विराजमान हों तब महाकुंभ का आयोजन नासिक में किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नासिक में लगने वाले महाकुंभ के दर्शन करने मात्र से दोनों ग्रहों की शुभता मिलती है।

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वहीं, जब बृहस्पति ग्रह का स्थान वृषभ राशि में उच्च होता है और सूर्य ग्रह मकर राशि में अपने उच्चतम स्थान पर विराजित होते हैं तब महाकुंभ प्रयागराज में लगता है। ऐसा माना जाता है कि प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ व्यक्ति को मोक्ष और दिव्यता की ओर ले जाता है।

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imagecredit: herzindagi 

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