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ओरल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का रास्‍ता रोकते हैं ये 5 हर्ब्‍स

ओरल कैंसर यानि मुंह में होने वाला कैंसर की शुरुआत तंबाकू के सेवन और स्&zwj;मोकिंग से होती है। सामान्&zwj;यतया ओरल कैंसर मुंह, नाक, कान गले के साथ थायरॉयड तक जोड़ा जाता है। ओरल कैंसर की प्रमुख वजह तंबाकू के सेवन के साथ-साथ अस्&zwj;वस्&zwj;थ खानपान और अनहेल्&zwj;दी लाइफस्&zwj;टाइल भी है। इसके शुरूआत में छाले और मुंह में नॉर्मल पेन हो सकता हैं। पहले यह बीमारी पुरुषों में ज्&zwj;यादा पाई जाती थी लेकिन बदलती लाइफस्&zwj;टाइल के चलते यह बीमारी महिलाओं में भी आम हो गई है।<br />&nbsp;<br />कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसकी जानकारी फर्स्ट स्टेज पर ना होने पर यह भयावह रूप ले लेती है। लेकिन आज स्&zwj;वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्&zwj;सालय योग एवं अनुसंधान केन्&zwj;द्र की आयुर्वेदिक Dr. Durga Arod (RMO) आज आपको ऐसे कुछ हर्ब्&zwj;स के बारे में बता रही हैं, जिनका सेवन अगर आप आज से ही अपनी लाइफ में शुरू कर दें तो यह बीमारी आपके जीवन में आएगी ही नहीं। आइए जानें<br />आयुर्वेदिक Dr. Durga Arod से जानें कौन से है ये हर्ब्&zwj;स।

Pooja Sinha

Her Zindagi Editorial

Updated:- 08 Nov 2017, 10:11 IST

लेमन हनी वॉटर

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इम्‍यूनिटी और विटामिन सी की कमी के चलते ओरल कैंसर की समस्‍या होती है। नींबू विटामिन सी और अन्‍य पोषक तत्‍वों से भरपूर होता है, जो ओरल कैंसर से बचाने में सहायक होता है। इसलिए अपनी डाइट में विटामिन सी को शामिल करें। इसके अलावा नींबू एंटी-ऑक्‍सीडेंट और जहरीले पदार्थों के संपर्क में आने से नए कोशिकाओं या गैर कैंसर कोशिकाओं को बचाता है, साथ ही फ्री रेडिकल्‍स को डैमेज होने से बचाता है।

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कैंसर रोधी तुलसी

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आयुर्वेदिक Dr. Durga Arod  के अनुसार, ''शक्तिशाली एंटी-ऑक्‍सीडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुणों के कारण तुलसी की पत्तियां महिलाओं में ब्रेस्‍ट कैंसर के साथ-साथ ओरल कैंसर को भी आपके पास आने नहीं देती है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि तुलसी के घटक ट्यूमर तक ब्‍लड के प्रवाह को पहुंचने ही नहीं देते। इसलिए कैंसर से बचने के लिए रोजाना तुलसी के पांच पत्‍तों का सेवन करें।'' इसके लिए तुलसी शक्तिशाली एंटी-स्‍ट्रेस तत्‍व होने के कारण यह स्‍मोकिंग छोड़ने में मददगार हो सकती है।

जरूरी है गाजर

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बीटा कैरोटीन एक ऐसा घटक है जो ओरल कैंसर से बचने के लिए जरूरी है। और गाजर बीटा कैरोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसे कैंसर विरोधी माना जाता है। इसके अलावा गाजर एंटी-ऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है और ओरल कैंसर और कई अन्य बीमारियों के उपचार की शक्ति होती है। इसके अलावा गाजर में falcarinol नामक पदार्थ पाया जाता है जो ओरल कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है। रोजाना एक गिलास गाजार का जूस पीने से ओरल कैंसर से बचने में मदद मिलती है। अच्‍छे परिणाम पाने के लिए आप रोजाना छह से आठ म‍हीनों तक गाजर का जूस पीना चाहिूए।

कड़वा लेकिन हेल्‍दी करेले का जूस

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करेले का जूस औषधीय गुणों से भरपूर होता है और रोजाना इसके सेवन से आप कई तरह की बीमारियों से बचे रह सकती हैं। करेले में मौजूद एक्टिव ingredient अल्फा एलिस्टेरिक एसिड और dihydroxy alpha eleostearic acid  कैंसर की कोशिकाओं को मारने में हेल्‍प करती हे। अगर आप रोजाना एक छोटा गिलास करेले के जूस का सेवन छह से सात महीनों तक करती हैं तो ओरल कैंसर को खुद को कोसों दूर रख सकती है।

अंगूर के बीज

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अंगूर में मौजूद अंगूर के बीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो ओरल कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। यह पदार्थ फ्री रेडिकल्‍स को नष्‍ट करते हैं जो मुंह में मौजूद कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
अंगूर के बीज विटामिन सी, ई और बीटा कैरोटीन से भरपूर होते हैं। यह इम्‍यूनिटी लेवल को बढ़ाते है और बॉडी की सही ब्‍लड सर्कुलेशन में हेल्‍प करते हैं। जिससे बॉडी अच्‍छे से डिटॉक्‍स होती है।

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