दुनिया भर में ब्रेस्‍ट कैंसर का शिकार होने वाली महिलाओं की संख्‍या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस बीमारी से भारतीय महिलाएं भी अछूती नहीं हैं। एम्‍स के डॉक्‍टर Abhishek Shanker के अनुसार '‍पिछले कुछ दशक में भारत में ब्रेस्‍ट कैंसर का शिकार होने वाली महिलाओं की संख्‍या लगभग दोगुनी हो गई है और लगभग 50 प्रतिशत मरीज डॉक्‍टर के पास इलाज के लिए कैंसर के अंतिम स्‍टेज पर आती हैं। इस स्थिति में मरीजों को बचा पाना काफी मुश्किल होती है।'' यानि ब्रेस्‍ट कैंसर से बचने का एकमात्र उपाय है, इस बीमारी के बारे जागरूकता फैलाना। इस बीमारी का सामना करने के लिए सेल्‍फ चेकअप और 30 की उम्र के बाद रेगुलर मैमोग्राफी करवाना जरूरी है। आज यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि ब्रेस्ट कैंसर के कई कारण है, लेकिन ऐसा नहीं कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव नहीं। इसका इलाज भी है। लेकिन कहते हैं ना बचाव ही समझदारी है। तो आप भी ब्रेस्ट कैंसर से जरा बचकर रहें। इस बीमारी से दूर रहने के लिए आप कुछ हर्ब्‍स को अपनी डेली रूटीन में शामिल कर सकती हैं। आइए स्‍वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्‍सालय (एसपीपीसी) योग एवं अनुसंधान केंद्र की मेडिकल ऑफिसर डॉक्‍टर दिव्‍या शरद से जानें ऐसे ही कुछ हर्ब्‍स के बारे में।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए लहसुन बहुत कारगर उपाय है। लहसुन में मौजूद सल्फर, फ्लेवोन्स और फ्लेवोनोल्स नामक तत्व कैंसर से बचाव और रोकथाम दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। लहसुन में कैंसर से लड़ने की अनोखी क्षमता होती है। यह कैंसर को बढ़ावा देने वाले तत्वों के असर को कम करता है।
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ब्रोकली विटामिन और मिनरल से भरपूर होती है। इसमें इंडोल-3 कार्बिनोल नामक एक तत्व पाया जाता है जो ट्यूमर सेल्स को बढ़ने नहीं देता। इसके अलावा यह हॉर्मोन आधारित कैंसर की रोकथाम और बचाव के लिए भी एक कारगर उपाय है। इसके अलावा ब्रोकली विटामिन 'ए' का भी बढिय़ा स्रोत है जो सेल्स में मौजूद कैंसर से लडऩे में हेल्प करता है।
घर की किचन में ही कैंसर को मात देने वाला यह मसाला मौजूद हैं जो ब्रेस्ट कैंसर की बेलगाम रफ्तार को काबू कर सकता हैं। जी हां आपकी किचन में मौजूद छोटी सी लौंग बॉडी को ब्रेस्ट कैंसर से ना केवल दूर रखती है बल्कि बॉडी की इम्यूनिटी भी बढ़ा देती है।
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वीट ग्रास में विटामिन बी-17 या लेट्रियल और सेलेनियम दोनों होते हैं। ये दोनों ही शक्तिशाली कैंसररोधी है। क्लोरोफिल और सेलेनियम बॉडी की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। साथ ही वीट ग्रास में भरपूर मात्रा में क्लोरोफिल होता है, जो बॉडी को ऑक्सीजन से सराबोर कर देता है। क्लोरोफिल बॉडी में हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, मतलब कैंसर सेल्स को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और ऑक्सीजन की उपस्थिति में कैंसर नहीं पनपता है।
दोनों तरह के अंगूर के बीज का अर्क एंटी-ऑक्सीडेंट रेसवेरट्रोल से भरपूर होता है जो एंटी-कैंसरस होते हैं। यह कैंसर की बढ़ने का कारण बनने वाले प्रोटीन को ब्लॉक करता है। इसके अलावा अंगूर के बीज में procyanidin B का हाई लेवल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एरोमेटस इनहिबिटर (एस्ट्रोजेन उत्पादन को दबाने और एस्ट्रोजेन पर निर्भर ब्रेस्ट कैंसर के विकास को रोकते हैं) के रूप में काम करते हैं।
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