
हमारे आस-पास रखी हर एक चीज यदि वास्तु के नियमों के अनुसार हो तो जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। हमारे आस-पास न जानें कितनी चीजें होती हैं जो अस्त-व्यस्त होने की वजह से हमारे मन मस्तिष्क में भी इनका गहरा असर होता है। ऐसी ही चीजों में से एक है घर की दीवार घड़ी। भले ही दीवार घड़ियां अतीत में दैनिक जीवन का एक सामान्य हिस्सा न रही हों, फिर भी समय का ट्रैक रखने के मुख्य तरीकों में से एक हैं। दैनिक जीवन की बात करें तो यदि दीवार घड़ियों की दिशा घर में सही होती है तो आपका समय भी अच्छा हो सकता है। वास्तु की मानें तो कई बार दीवार घड़ी की सही दिशा आपके भविष्य के लिए कुछ अच्छे निर्णय लेने में मदद करती है, वहीं इसकी गलत दिशा आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा भी ला सकती है। आइए <strong>Husain Minawala, Vastu Consultant, and Sacred Geometry Expert</strong> से जानें कि घर में किस स्थान पर दीवार घड़ियां लगाना शुभ फल दे सकता है।


वास्तु की मानें तो दीवार घड़ियां लटकाते समय कभी भी दक्षिण की दीवार का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उत्तर या पूर्व की दीवारें दीवार घड़ियों के लिए आदर्श स्थान हैं। दीवार घड़ी का मुख उत्तर दिशा की ओर भी किया जा सकता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह दिशा भाग्य को आकर्षित करती है।
दीवार घड़ी को घर की पश्चिम दिशा में भी रखा जा सकता है, हालांकि इसे तभी उस स्थान पर रखें जब कोई विकल्प न हो।

वास्तु की मानें तो कभी भी दीवार घड़ी दरवाजे के ठीक ऊपर नहीं लगानी चाहिए। इस स्थान पर लगी घड़ी घर में नकारात्मकता का कारण बन सकती है। इसके साथ ही कभी भी घड़ियां घर के बाहर न लगाएं।
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कभी भी दीवार घड़ी का मुंह बेडरूम के दरवाजे की ओर नहीं होना चाहिए। बेडरूम में घड़ी लगाते समय ये ध्यान रखें कि ठीक बेड के सामने घड़ी न लगाएं। यदि आपके बेड के ठीक सामने की दीवार में घड़ी लगी है तो इसमें बेड का प्रतिविंब नहीं आना चाहिए। ये घर में नकारात्मकता का कारण बन सकता है।

कभी भी आपको घर में ऐसी घड़ियां नहीं लगानी चाहिए जो बहुत दिन से बंद पड़ी हों या खराब हों। इसके अलावा ऐसी घड़ियां भी घर से तुरंत हटा दें जिनका शीशा टूटा (कांच का टूटना शुभ या अशुभ) हुआ हो, या जिनमें जंग लगा हुआ हो। जो घड़ियां खराब हो गई हैं या चलना बंद हो गई हैं, उन्हें घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि वे दुर्भाग्य लाती हैं।

कभी भी आपको ऐसी घड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिनका समय असल समय से पीछे चलता हो। हमेशा घड़ी का समय सही रखें और यदि आप समय को कुछ मिनट आगे भी रखती हैं तब भी आपके लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन घड़ी का समय जीवन में नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।

पुराने जमाने की पेंडुलम स्टाइल की घड़ियां बहुत ज्यादा चलन में थीं, लेकिन समय के साथ इनका चलन लगभग ख़त्म होने लगा। हालांकि यदि वास्तु की मानें तो आज भी यदि आप घर की दीवार में पेंडुलम घड़ियां लगाती हैं तो आपके जीवन में भाग्य का साथ बना रहता है। इन घड़ियों को हमेशा घर की पूर्व दिशा (इन चीजों को पूर्व दिशा में न रखें) में लगाना शुभ माना जाता है।

कभी भी आपको ऐसी दीवार घड़ियां नहीं लगानी चाहिए जिसमें हिंसक जानवरों या किसी अशुभ घटना का चित्र हो। कोई भी डरावने दृश्य वाली घड़ी भी न लगाएं। जिसमें डूबते हुए जहाज जैसी छवि बनी हो ऐसी दीवार घड़ी से भी बचें। ये जीवन में नकारात्मकता लाती हैं।
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सुबह उठते ही समय देखना एक अच्छी आदत है। इसलिए, यदि आप अपने शयनकक्ष में एक दीवार घड़ी की व्यवस्था कर सकें तो ये आपके लिए अच्छा विकल्प है। ताकि जब आप जागते हैं तो सबसे पहले यह आपको दिखाई दे, यह वास्तव में अच्छा होगा। घड़ी के लिए उत्तर की दीवार सबसे अच्छी जगह होगी क्योंकि हमेशा दक्षिण दिशा में सिर करके सोने की सलाह दी जाती है।

अगर वास्तु की मानें तो हमेशा घर की घड़ियों को साफ़ रखने की सलाह दी जाती है। गंदी घड़ियां घर में नकारात्मक ऊर्जा के साथ लड़ाई झगड़ों का भी कारण बनती हैं।
इस प्रकार यदि आप वास्तु के नियमों के अनुसार सही दिशा में दीवार घड़ियां लगाती हैं तो जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
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