<p style="text-align: justify;">आज की भागमभाग भरी जिंदगी में एक चीज हमसे तेजी से दूर भाग रही है और वह है नींद। <br /> कभी काम का pressure, तो कभी दूसरों से आगे निकलने की tension, तो कभी social media की लत... वजह चाहे कुछ भी हो लेकिन यह सच है कि नींद ने हमसे मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है।<br /> <br /> सीमा दिन भर ऑफिस में काम करती है और रात को घर आने के बाद खाना बनाने, पति और बच्‍चों के कामों में इस कद्र उलझी रहती है कि उसे सोते-सोते बहुत रात हो जाती है। लेकिन जब वह सोने की कोशिश करती है, तो नींद उसकी आंखों से कोसों दूर भागने लगती है और वह घंटों बिस्‍तर पर करवटें बदलता रहता है। यह समस्‍या सीमा की ही नहीं है बल्कि न जाने सीमा जैसी कितनी महिलाएं इस समस्‍या से जूझ रहे हैं। अगर आप भी ऐसी महिलाओं में से एक है जिन्हें रातों को नींद नहीं आती है और सारी रात करवटें बदलते निकल जाती है। तो हो सकता है कि आपके मन में भी रात-भर चलती हो ये बातें।
आज तक ऐसा कोई जवाब नहीं मिला जिससे पता चले कि हम सोती क्यों हैं।
कभी-कभी जब हम सोने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो आपके आस-पास मौजूद घड़ी की टिक-टिक आपको सोने नहीं देती। इससे हमें बहुत गुस्सा आता हैं।
नींद लाने के लिए रात को हल्का खाना खाया कर, फोन से दूरी बनाकर रखा कर, पैरों में तेल की मालिश किया कर, ऐसी न जाने कितनी मुफ्त की सलाह हर कोई देता हुआ मिल जाता है।
क्या नींद कोई ऐसी चीज है जिसे अपने पास बुलाया जा सकता है।
रात होने के साथ ही इस बीमारी से जूझ रहे शख्स का दिमाग यहीं जोड़ने-घटाने में उलझ जाता है कि यह रात कब खत्म होगी?
हर रात उसे एक ही ख्याल आता है कि वो अगर अभी सोने गया तो कितने घंटे सो पाएगा। क्या अलार्म बजेगा और अगर अलार्म बजा तो वो समय से उठ पाएगा या नहीं? सारी जद्दोजहद के बाद जब वह आंख बंद करता है और इससे पहले की उसे नींद आए, बेरहम अलार्म बज जाता है...और फिर सुबह हो जाती है।
उन लोगों से जलन होती है जिन्हें कहीं भी, कभी भी नींद आ जाती है और नींद किसी vampire की तरह हो जाती है। जब वह बिस्तर पर चैन की तलाश में पहुंचता है तो आराम कभी नहीं मिलता।
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