योग करना हमारे लिए कितना फायदेमंद है यह बात हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है। योग से तन और मन दोनों की दुरुस्त रहते है। इसलिए हमें रोजाना योग करना चाहिए। लेकिन योग को लेकर हमारे मन में कई तरह के भ्रम और गलतफहमियां भी रहती है। कुछ महिलाओं का मानना है कि योग करने के लिए बॉडी का flexible होना जरूरी है। तो कुछ महिलाओं का कहना है कि योग एक धार्मिक क्रिया है। आज हमारी योग इंस्ट्रक्टर प्राची बाजपेयी आपको योग से जुड़े ऐसे ही कुछ भ्रम और उनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रही हैं। आइए इस वीडियो के माध्यम से हमारे साथ-साथ आप भी जानें।
Myth: Flexible जरूरी होना है।
Fact: योग करने के लिए आपको बहुत ज्यादा flexible होने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा बहुत सारे योगासन हैं और आपके लिए सभी तरह के आसन करना जरूरी नहीं होता है। आपको सिर्फ वहीं आसन करने चाहिए जिनकी आपको जरूरत है।
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Myth: विशिष्ट धर्म से जुड़ा योग है।
Fact: योग किसी विशिष्ट धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। योग एक आध्यात्मिक व्यायाम है। जो आपको खुद की क्षमता पहचानने में हेल्प करता है। किसी भी धर्म या जाति की महिला योग कर सकती है।
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Myth: सिर्फ शाकाहारी लोग योग कर सकते हैं।
Fact: बहुत लोगों का मानना है कि योग शुरू करने के लिए आपको किसी भी प्रकार के डाइट करने की जरूरत होती है। जबकि यह बात बिल्कुल गलत है। आप अपना मनचाहा खाना खा सकती हैं।
Myth: विशिष्ट उम्र में ही योग होता है।
Fact: योग सिर्फ एक विशिष्ट उम्र में ही किया जा सकता है। लेकिन योगा इंस्ट्रक्टर प्राची बाजपेयी का कहना हैं कि योग आप किसी भी उम्र में कर सकती हैं। 7 साल से लेकर 70 साल तक कोई भी योग शुरू कर सकता है। योग करते समय आपको सिर्फ आपके शरीर और मन को एकाग्र करने की जरूरत है।
Myth: चोट या दर्द में योग से बचना चाहिए।
Fact: माना जाता है कि शरीर पर अगर कोई चोट या दर्द है तो आप योग नहीं कर सकती हैं। लेकिन प्राची बाजपेयी का कहना हैं कि अगर आपके शरीर में कोई दर्द या चोट है, तो योग करना जरूरी है क्योंकि योग से आपके शरीर का दर्द या चोट ठीक हो सकती है। लेकिन आप अपने योगा टीचर को आपके शरीर की स्थिति के बारे में जरूर बताये। ताकी वह आपके शरीर के मुताबिक आपको योग के आसन करवाये।
यह सब जानने के बाद अब तो आपकी गलतफहमियां दूर हो गई होगी।
Credits
Producer: Rohit Chavan
Editor: Anand Sarpate