
आजकल घरों में जगह की बचत के लिए दीवान या सोफा बेड रखना बहुत आम हो गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग एरिया में फर्नीचर की व्यवस्था न केवल उस स्थान की ऊर्जा को प्रभावित करती है बल्कि यह घर के सदस्यों के आपसी संबंधों और आर्थिक स्थिरता पर भी असर डालती है। दीवान को सही दिशा और सही तरीके से रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जबकि गलत दिशा में रखने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं। आइए जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि लिविंग एरिया में दीवान रखना वास्तु के हिसाब से कितना सही है और इसके लिए क्या नियम हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग एरिया में दीवान रखना बिल्कुल सही है बशर्ते आप इसे वास्तु के नियमों के अनुसार व्यवस्थित करें। दीवान एक आरामदायक फर्नीचर होता है जिसका उपयोग मेहमानों के बैठने या कभी-कभी रात में सोने के लिए किया जाता है।

वास्तु सलाह देता है कि लिविंग एरिया में रखा गया कोई भी भारी फर्नीचर या सोफा हमेशा स्थिरता और शांति को बढ़ावा देना चाहिए। चूंकि दीवान का उपयोग सोने के लिए भी होता है, इसलिए इसकी स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि यह घर के मुखिया या सदस्यों के स्वास्थ्य और धन पर नकारात्मक प्रभाव न डाले।
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दीवान या सोफा बेड रखने के लिए वास्तु में कुछ विशेष दिशाएं बताई गई हैं। दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता, पृथ्वी तत्व और संबंधों का प्रतिनिधित्व करती है। दीवान को इस दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। इस स्थान पर रखा दीवान घर के मुखिया या परिवार के वरिष्ठ सदस्य को ताकत और स्थिरता प्रदान करता है।
यह दिशा लाभ और वृद्धि से जुड़ी है। दीवान को पश्चिम दिशा में रखना भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह सामाजिक मेलजोल और लाभ को बढ़ाता है। यह दिशा भी भारी फर्नीचर रखने के लिए उपयुक्त है। इस दिशा में दीवान रखने से आराम और स्थिरता मिलती है।
उत्तर-पूर्व दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है और इसे हल्का व खुला रखना चाहिए। इस दिशा में दीवान जैसे भारी फर्नीचर रखने से सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा आती है और यह मानसिक तनाव या स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

यह दिशा धन और करियर के अवसरों से जुड़ी है। इस दिशा में भारी दीवान रखने से करियर में रुकावटें आ सकती हैं। अगर आप दीवान को बेड के रूप में उपयोग कर रहे हैं, तो सोते समय आपका सिर हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोना वास्तु के अनुसार सबसे बड़ा दोष माना जाता है। दीवान को हमेशा इस तरह रखें कि उस पर बैठने या सोने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा और बेहतर संवाद को प्रोत्साहित करती है।
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दीवान को हमेशा किसी ठोस दीवार से सटाकर रखना चाहिए, न कि कमरे के बीच में। दीवार सहारा प्रदान करती है जो जीवन में समर्थन और सुरक्षा की भावना को मजबूत करती है। दीवान के नीचे कभी भी कचरा या कबाड़ जमा न होने दें। साफ-सफाई रखने से सकारात्मक ऊर्जा का निरंतर प्रवाह बना रहता है।
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