खाना बनाने और इसे ग्रहण करने के कई विशेष नियम बनाए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि खाने के इन नियमों का पालन करने से आपके भोजन का पूर्ण पोषण मिलता है और इसका पूरा लाभ भी मिलता है।
भोजन हमेशा दाहिने हाथ से करना चाहिए , भोजन करते समय बात नहीं करनी चाहिए , भोजन शुरू करने से पहले मंत्रोच्चारण करना चाहिए और एक अहम बात कि भोजन करते समय आपको चमड़े से बनी किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऐसी न जाने कितनी बातें हमारे शास्त्रों में लिखी हैं और इनका पालन जरूरी माना जाता है। इन सभी बातों का अपना मतलब और महत्व है और इनका पालन करने से आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
आइए आपको बताते हैं कि ऐसा आखिर क्यों कहा जाता है कि आपको खाना खाते समय चमड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके बारे में ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से विस्तार से जानते हैं।
ऐसा माना जाता है कि चमड़ा मृत पशु-पक्षियों की खाल से बनाया जाता है और इससे तरह-तरह के सामान बनाए जाते हैं जैसे कि पर्स, बेल्ट आदि। यदि आप चमड़े का सामान अपने पास रखकर भोजन करती हैं तो ये आपका भोजन दूषित हो सकता है।
ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का इस्तेमाल आप किसी भी स्थान पर करती हैं तो इसका सीधा असर आपके भोजन की ऊर्जा पर पड़ता है। यदि आप उन्हीं हाथों से भोजन करते हैं तो इसका पूर्ण पोषण नहीं मिलता है और चमड़े में मौजूद कीटाणु भोजन को खराब भी कर सकते हैं।
इसे जरूर पढ़ें: आखिर क्यों भोजन के समय बात करने की होती है मनाही? जानें क्या कहता है शास्त्र
हम जब भी भोजन शुरू करते हैं सबसे पहले उसका भोग लगाया जाता है। ऐसे में यदि आप चमड़े की बनी चीजों को अपने पास रखकर भोजन ग्रहण करते हैं तो इस भोजन का भोग ईश्वर को स्वीकार्य नहीं होता है और इस भोजन को शुद्ध भी नहीं माना जाता है। इसी वजह से चमड़े की किसी भी चीज को हाथ में लेकर या अपने पास रखकर भोजन न करने की सलाह दी जाती है।
यह विडियो भी देखें
जिस प्रकार मंदिर में चमड़े का सामान ले जाना वर्जित होता है ठीक उसी प्रकार भोजन को भी पूजा के समान माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि जब हम भोजन करते हैं तब ये हमारी आत्मा और परमात्मा तक पहुंचता है, इसी वजह से भोजन के साथ चमड़े के किसी भी सामान का इस्तेमाल करने की मनाही होती है।
चूंकि चमड़े के सामान पशुओं की खाल से बनते हैं, इसलिए भोजन के साथ चमड़े का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।
इसे जरूर पढ़ें: बिस्तर पर बैठकर खाना क्यों नहीं खाना चाहिए, जानें क्या कहता है शास्त्र
ऐसा माना होता है कि चमड़ा, एक झरझरा पदार्थ होने के कारण, तरल पदार्थों को जल्दी ही अवशोषित कर सकता है और इसे अच्छी तरह से साफ करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि चमड़े की वस्तुएं जैसे पर्स, टेबल कोस्टर या टेबलमैट में चमड़े का इस्तेमाल होता है और आप इन चीजों का स्पर्श भोजन के समय करते हैं तो भोजन में भी दोषित कण आ सकते हैं। चूंकि चमड़े का सामान ठीक से साफ़ नहीं हो पाता है, इसलिए भोजन के समय किसी भी ऐसी सामग्री का इस्तेमाल वर्जित होता है जिसमें चमड़ा लगा हुआ हो।
चमड़े के किसी भी सामन को ठीक से तैयार नहीं किया जाता है, उसकी सतह पर रंग का इस्तेमाल होता है और यदि हम चमड़े के सामान का उपयोग भोजन के साथ करते हैं तो ये भोजन में स्थानांतरित हो सकते हैं।
वहीं कुछ लोगों को चमड़े की चीजों का उपयोग करने से एलर्जी भी हो सकती है जो खाने की सामग्री पर बुरा असर डाल सकती है। इसी वजह से भोजन के साथ चमड़े के सामान का इस्तेमाल करने की मनाही होती है।
विज्ञान की मानें तो चमड़े में कई दूषित पदार्थ और तत्व मौजूद होते हैं और उनका असर आपके भोजन में भी हो सकता है, इसी वजह से खाना खाते समय चमड़े का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए और ऐसी कोई भी चीज पर हाथ नहीं लगाना चाहिए।
यदि आप खाना खाते समय चमड़े का सामान इस्तेमाल करते हैं तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-
Images: Freepik.com
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।