पितरों के लिए श्राद्ध या तर्पण के दौरान क्यों नहीं होता है सफेद तिल का प्रयोग?

श्राद्ध और तर्पण के दौरान कई तरह की सामग्री का उपयोग होता है जिनमें से एक है तिल, लेकिन क्या आप जानती हैं कि आखिर क्यों पितृ पूजा में सिर्फ काले तिल का प्रयोग होता है सफेद तिल का नहीं। 
why are white sesame not used during ancestors shradh
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हिन्दू धर्म में श्राद्ध और तर्पण का बहुत महत्व है। यह वो समय होता है जब हम अपने पितरों को याद करते हैं और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। इन कर्मकांडों में कई तरह की सामग्री का उपयोग होता है जिनमें से एक है तिल, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन अनुष्ठानों में केवल काले तिल का ही प्रयोग किया जाता है, सफेद तिल का नहीं। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्यों पितृ तर्पण या श्राद्ध के दौरान सफेद तिल का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।

पितृ तर्पण या श्राद्ध में क्यों नहीं होता सफेद तिल का प्रयोग?

धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार, काले तिल को भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न माना गया है। भगवान विष्णु पितरों के देवता हैं, इसलिए पितरों को काले तिल बहुत प्रिय हैं और इन्हें बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि काले तिल में पितरों को आकर्षित करने की शक्ति होती है जिससे वे तर्पण और श्राद्ध की सामग्री को स्वीकार कर पाते हैं।

pitru tarpan mein kyu nahi hota hai safed til ka prayog

वहीं, सफेद तिल का उपयोग शुभ कार्यों, जैसे पूजा-पाठ और प्रसाद बनाने में होता है। पितृ कार्यों को शुभ नहीं माना जाता इसलिए उसमें सफेद तिल का प्रयोग वर्जित है। काले तिल में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने और दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। श्राद्ध और तर्पण का समय पितरों की आत्मा की शांति से जुड़ा है और इस दौरान कई तरह की ऊर्जाएं वातावरण में मौजूद होती हैं।

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काले तिल इन नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने और पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करने में मदद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि काले तिल का प्रयोग करने से श्राद्ध का फल पूरी तरह से पितरों तक पहुंचता है। ज्योतिष के अनुसार, काले तिल का संबंध शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों से है जो अक्सर पितृ दोष से जुड़े होते हैं। श्राद्ध के दौरान काले तिल इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम करते हैं।

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व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं, सफेद तिल का संबंध शुक्र और चंद्रमा से है जिनका उपयोग सुख, शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है। इसलिए, कर्मकांड के उद्देश्य और ज्योतिषीय प्रभावों के आधार पर काले तिल को ही श्राद्ध के लिए सही माना गया है। इसलिए, जब भी आप अपने पितरों के लिए श्राद्ध या तर्पण करें सफेद कि बजाय काले तिल का ही प्रयोग करें।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • पितरों को क्यों चढ़ाए जाते हैं काले तिल?

    पितरों को काले तिल इसलिए चढ़ाए जाते हैं क्योंकि यह यमराज को प्रिय होते हैं जिससे पितरों को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
  • पितरों को क्या चीज पसंद होती है?

    पितरों के लिए भोजन बनाते समय उनकी प्रिय चीजें जैसे दूध, दही, घी और शहद का उपयोग जरूर करना चाहिए।