significance of chandrama puja on kartik rohini vrat

Chandra Puja on Kartik Rohini Vrat: कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन क्या है चंद्रमा की पूजा का महत्व? जानें इसके लाभ

कार्तिक माह में पड़ने वाले रोहिणी व्रत के दिन भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करने से कर्मों का क्षय होता है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और व्रती को उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।  
Editorial
Updated:- 2025-10-08, 17:02 IST

कार्तिक माह में पड़ने वाले रोहिणी व्रत का हिंदू धर्म और जैन धर्म दोनों में बहुत विशेष महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से जैन धर्म में मनाया जाता है और इसे महिलाएं पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। यह व्रत तब किया जाता है जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र आता है। इस दिन जैन धर्म के तीर्थंकरों की पूजा की जाती है।

यह व्रत लगातार तीन, पांच या सात वर्षों तक रखने के बाद ही इसका उद्यापन किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से कर्मों का क्षय होता है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और व्रती को उत्तम लोक की प्राप्ति होती है। वहीं, हिंदू धर्म में रोहिणी व्रत के दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर क्यों कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन चंद्रमा की पूजा करना जरूरी है?

कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन चंद्रमा की पूजा के लाभ

चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है। रोहिणी व्रत के दिन चंद्रमा की पूजा करने से मन को गहरी शांति और शीतलता मिलती है। यह व्रत चूंकि काफी कठिन होता है, इसलिए चंद्रमा की पूजा व्रती के मन को स्थिरता और शांति प्रदान करती है जिससे व्रत का पालन बिना किसी परेशानी के पूरा होता है। यह तनाव और बेचैनी को दूर करने में बहुत सहायक है।

kartik rohini vrat ke din chandrama puja ka mahatva

ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा जल तत्व का और रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र है। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में मौजूद चंद्रमा से जुड़े दोष शांत होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उन्हें यह पूजा करने से मानसिक शक्ति और एकाग्रता मिलती है। यह उपाय मानसिक रोगों और अनिद्रा की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है।

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रोहिणी व्रत मुख्य रूप से पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। चंद्रमा को दीर्घायु का कारक भी माना गया है। चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करने से पति की आयु बढ़ती है और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसके साथ ही, चंद्रमा प्रेम और वैवाहिक सुख का भी प्रतीक हैं इसलिए उनकी पूजा से पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और मधुरता हमेशा बनी रहती है।

kartik rohini vrat ke din chandra puja ka mahatva

जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रोहिणी व्रत पर चंद्रमा की पूजा करना पुण्य कर्मों में वृद्धि करता है। इस दिन पूजा करने से घर में धन-धान्य और वैभव आता है और गरीबी दूर होती है। कई धार्मिक ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि रोहिणी व्रत पर चंद्रमा और तीर्थंकरों की पूजा करने से कर्मों का क्षय होता है और अंत में व्रती को उत्तम गति या मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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FAQ
कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन किसकी पूजा होती है?
कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन हिन्दू धर्म में चंद्रमा और जैन धर्म में भगवान वासुपूज्य की पूजा होती है।
कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन क्या दान करना चाहिए?
कार्तिक रोहिणी व्रत के दिन अन्न, फल, तिल, कपड़े और गुड़ का दान करना शुभ होता है।
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