Mata Ka Bhandara: हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है। साल में कुल चार नवरात्रि मनाई जाती हैं जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं तो वहीं, दो चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि तांत्रिक मनाते हैं तो वहीं, चैत्र और शारदीय नवरात्रि गृहस्थियों द्वारा मनाई जाती है।
वहीं, अब शारदीय नवरात्रि आने ही वाली है। 15 अक्टूबर, दिन रविवार से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होगा। इस दौरान माता रानी की घर में विधिवत स्थापना की जाती है, माता रानी के 9 रूपों की पूजा होती है, कन्या पूजन भी किया जाता है और हवन आदि का भी बहुत महत्व शास्त्रों में वर्णित है।
वहीं, नवरात्रि के दौरान अक्सर यह देखा जाता है कि कई भक्त माता के लिए जगराता भी करते हैं और जगराते के बाद भंडारा भी रखा जाता है। हालांकि ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स का कहना है कि हमें माता के भंडारे में नहीं खाना चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं क्या है इसका कारण।
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अगर आप भी यही सोच रहे हैं कि माता रानी के भंडारे में खाना खाना तो उनके प्रसाद को खाने जैसा है फिर क्यों भंडारे में नहीं खाना चाहिए तो इस लेख में दी गई जानकरी के माध्यमस से आप भी इसके पीछे का महत्व और कारण समझें। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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