सावन पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है क्योंकि यह सावन माह की आखिरी तिथि होती है। सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। साथ ही, इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व माना जाता है।
शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि इस दिन किए गए शुभ कार्यों से व्यक्ति को विशेष पुण्य मिलता है और उसके जीवन से दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं। कई जगहों पर इस दिन को नारली पूर्णिमा और कजरी पूनम के रूप में भी मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सावन पूर्णिमा के दिन अगर मां लक्ष्मी को पूर्ण श्रद्धा से भोग लगाया जाए तो इससे वह प्रसन्न होकर कृपा बरसाती हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि सावन पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को क्या भोग लगाएं।
सावन पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को लगाएं मखाने का भोग
मखाना देवी लक्ष्मी को विशेष रूप से प्रिय है क्योंकि यह कमल के पौधे से उत्पन्न होता है और देवी भी कमल पर विराजमान होती हैं। आप मखाने की खीर या भुने हुए मखाने का भोग लगा सकते हैं। इससे घर में पारिवारिक शांति स्थापित होती है।
सावन पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को लगाएं खीर का भोग
मां लक्ष्मी को खीर बहुत प्रिय है। इस दिन आप चावल, दूध, मखाना, किशमिश और अन्य सूखे मेवों से बनी खीर का भोग लगा सकते हैं। इसे चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण करना शुभ माना जाता है। इससे चंद्रमा कुंडली में मजबूत होते हैं।
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सावन पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को लगाएं बताशे का भोग
बताशे भी मां लक्ष्मी को बहुत पसंद होते हैं। ये सफेद और मीठे होते हैं जो चंद्रमा के रंग और शीतलता का प्रतीक हैं। रात की पूजा में बताशों का भोग लगाना बहुत शुभ होता है। मां लक्ष्मी को सावन पूर्णिमा पर बताशे का भोग लगाने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
सावन पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को लगाएं सिंघाड़े का भोग
सिंघाड़ा भी पानी में उगता है और इसकी उत्पत्ति जल से होती है जो मां लक्ष्मी से संबंधित है। सिंघाड़े का भोग भी देवी को चढ़ाया जा सकता है। सावन पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को सिंघाड़े का भोग लगाने से ग्रह दोष दूर होता है और शुभता का आगमन होता है।
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