Sakat Chauth Durva Upay: सकट चौथ के दिन करें दूर्वा घास के ये उपाय, सदैव बनी रहेगी गणपति की कृपा

सनातन धर्म में किसी भी व्रत और उपवास की ही तरह सकट चौथ का भी विशेष महत्व है और इस दिन किए गए कुछ उपाय कारगर हो सकते हैं। अगर आप सकट चौथ के दिन दूर्वा घास के कुछ उपाय आजमाएं तो इसके शुभ परिणाम मिलते हैं।
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सकट चौथ, जिसे 'माघ चौथ' भी कहा जाता है यह हिंदू धर्म के प्रमुख व्रत त्योहारों में से एक है। ज्योतिष के अनुसार सकट चौथ हिंदू कैलेंडर के माघ माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश जी की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है। भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा घास का महत्व माना गया है। यही वजह है कि सकट चौथ की पूजा में भी दूर्वा घास भगवान गणेश को अर्पित की जाती है। दरअसल, दूर्वा घास भगवान गणेश कोअत्यंत प्रिय है। वहीं, अगर भक्त यह घासगणपति को चढ़ाते हैं तो उनकी कृपा दृष्टि बनी रहती है।

दूर्वा घास यदि गणपति पूजा में अर्पित की जाती है तो उनकी कृपा दृष्टि प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति का वास होता है। स्कंद पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में दूर्वा घास के महत्व का उल्लेख बताया गया है। साल 2025 में सकट चौथ का पर्व 17 जनवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा। अगर आप सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ दूर्वा घास के कुछ उपाय करती हैं तो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। यह उपाय न केवल गणेश जी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं, बल्कि व्यक्ति की समृद्धि, सुख-शांति और बाधाओं के निवारण में भी सहायक होते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें दूर्वा के उपायों के बारे में जिन्हें आप सकट चौथ के दिन आजमा सकते हैं।

सकट चौथ का महत्व

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सकट चौथ को तिलकुट चौथ भी कहा जाता है और यह माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, समृद्धि, और लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन का निर्जला व्रत रखती हैं, अर्थात वे केवल पानी का सेवन करती हैं, और पूरे दिन उपवासी रहती हैं। व्रत के दौरान महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं, क्योंकि उन्हें संतान सुख और समृद्धि के दाता माना जाता है।

सकट चौथ का व्रत विशेष रूप से संतान के स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं और उन्हें उनकी प्रिय दूर्वा घास, तिल और लड्डू चढ़ाती हैं। इस दिन महिलाएं चंद्रोदय के समय व्रत खोलने के बाद भगवान गणेश की पूजा करके अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। सकट चौथ का महत्व इसलिए भी बहुत ज्यादा है क्योंकि इसे संतान सुख और जीवन में खुशहाली के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है।

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दूर्वा घास का धार्मिक महत्व

दूर्वा घास का हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व है और इसे एक शुभ और मंगलकारी पौधा माना गया है। विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा घास का उपयोग बहुत महत्व रखता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान गणेश अपनी क्षीण शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए दूर्वा घास का सेवन किया था। तभी से यह घास गणपति की प्रिय वस्तु मानी जाती है। हिंदू धर्म में, दूर्वा घास को भगवान गणेश के साथ जोड़ा जाता है और उनकी किसी भी पूजा में दूर्वा अर्पित की जाती है। आप घर की खुशहाली के लिए भी सकट चौथ के दिन दूर्वा घास के उपाय आजमा सकती हैं। आइए जानें उन उपायों के बारे में-

सकट चौथ पर भगवान गणपति को 11 दूर्वा चढ़ाएं

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यदि आप जीवन में किसी बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं तो सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को 11 दूर्वा घास की पत्तियां चढ़ाएं। आप दूर्वा की 11 पत्तियां तोड़ें और उन्हें एक साथ मिलाकर एक कलावा में बांध लें। गणपति को दूर्वा चढ़ाते समय 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें। इससे जीवन की कठिनाइयां दूर होंगी और सुख-शांति का अनुभव होगा। यही नहीं यदि आपके जीवन में लंबे समय से कोई समस्या चली आ रही है तो वो भी इस उपाय से दूर हो सकती है।

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सकट चौथ पर धन प्राप्ति के लिए करें दूर्वा के उपाय

यदि आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और धन अनावश्यक रूप से खर्च हो रहा है, तो सकट चौथ के दिन यह उपाय आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाएं और पूजा के बाद उस दूर्वा को अपने पर्स या घर की तिजोरी में रख दें। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय धन के स्थायित्व और वृद्धि में मदद करता है। मान्यता के अनुसार दूर्वा घास भगवान गणेश की प्रिय मानी जाती है और इसे चढ़ाने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है। इस उपाय से न केवल आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि धन का आगमन भी बना रहता है।

संतान सुख के लिए सकट चौथ पर आजमाएं ये उपाय

यदि आप संतान प्राप्ति की कामना कर रही हैं तो सकट चौथ के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के बाद इसे पानी में प्रवाहित कर दें। यह उपाय भगवान गणेश की कृपा पाने में मदद करता है और इससे संतान सुख में वृद्धि होती है। यही नहीं इस उपाय से आपकी संतान की सेहत भी अच्छी बनी रहती है। चूंकि सकट चौथ मुख्य रूप से संतान का पर्व माना जाता है, इसलिए इस उपाय को और ज्यादा फलदायी माना जाता है।

घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए दूर्वा के उपाय

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सकट चौथ पर दूर्वा घास के 21 तिनके लेकर गणेश जी के चरणों में अर्पित करें। इसके बाद इस दूर्वा को घर के मुख्य द्वार पर रखें। यह उपाय घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। इसके साथ ही यदि आपको बिना वजह शत्रु परेशान कर रहे हैं, तो सकट चौथ के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाते समय 'ॐ गण गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आपके शत्रु दूर होते हैं और बाधाएं समाप्त होती हैं। यही नहीं इस उपाय से आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

यदि आप सकट चौथ के दिन यहां बताए उपायों में से कोई भी उपाय आजमाते हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। अगर आपका इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Images:freepik.com

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FAQ

  • भगवान गणेश को दूर्वा घास कैसे चढ़ाएं?

    भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा का अत्यंत महत्व है। ऐसे में गणेश की पूजा में दूर्वा की पत्तियों को ऑड यानी विषम संख्या में अर्पित करना करना चाहिए। आप 3, 5,9 या 11 की संख्या में दूर्वा की पत्तियों को एक साथ जोड़कर भगवान गणेश को अर्पित कर सकती हैं। 
  • दूर्वा घास से पूजा कैसे करें?

    भगवान गणेश की पूजा के समय दूर्वा को सबसे पहले उनके चरणों में अर्पित करना चाहिए। दूर्वा को भगवान गणेश के चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए।