peepal tree parikarama on saturday after sunset to get relief from sade sati and dhaiyya

Shaniwar Ke Upay: शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद विधिवत रूप से लगाएं एक पेड़ की परिक्रमा, साढे़साती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव होंगे दूर

अगर आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के अशुभ प्रभावों से जूझ रहे हैं, तो शनिवार का दिन आपके लिए विशेष फलदायी हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, शनिवार को शनिदेव को समर्पित माना गया है। इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए इस लेख में पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाने के बारे में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-08-02, 05:32 IST

ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जब शनि किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस राशि के साथ-साथ उससे पिछली और अगली राशि पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का नाम सुनते ही कई लोग घबरा जाते हैं, क्योंकि इन अवधियों में व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिनसे इन अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। ऐसा ही एक प्रभावी उपाय है शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना है। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि किस विधि से परिक्रमा लगानी चाहिए?

शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद किस विधि से लगाएं पीपल के पेड़ की परिक्रमा

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  • सूर्यास्त के बाद का समय शनि देव से संबंधित माना जाता है। इस समय की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है। माना जाता है कि दिन ढलने के बाद पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, जिससे परिक्रमा का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
  • परिक्रमा करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • एक दीपक सरसों के तेल का, थोड़े काले तिल, जल और गुड़ या बताशे अपने साथ ले जाएं।
  • पीपल के पेड़ के पास एक साफ जगह पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय शनि देव का ध्यान करें।
  • पीपल की जड़ में थोड़ा जल अर्पित करें।
  • दीपक के पास थोड़े काले तिल अर्पित करें।
  • अब हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना बोलें और परिक्रमा का संकल्प लें।
  • पीपल के पेड़ की 7, 11, 21, 51 या 108 परिक्रमा करें। परिक्रमा हमेशा घड़ी की दिशा में करें।
  • परिक्रमा करते समय "ॐ शं शनैश्चराय नमः" या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। आप शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
  • परिक्रमा करते समय पूरी श्रद्धा और ध्यान शनि देव और पीपल देवता पर केंद्रित रखें। किसी भी प्रकार की नकारात्मक बात या विचार मन में न लाएं।
  • परिक्रमा पूरी होने के बाद जो मीठा आप लाए थे, उसे पीपल के पेड़ के पास रख दें।

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शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व

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शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है, जो कर्मफलदाता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों, तो उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना से लाभ हो सकता है।

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Image Credit- HerZindagi

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