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Paush Putrada Ekadashi 2024 Vrat Katha: संतान सुख के लिए पौष माह की पुत्रदा एकादशी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं, इन्हीं में से एक है पौष माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी जिसे पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। 
Editorial
Updated:- 2024-01-11, 15:17 IST

Paush Putrada Ekadashi Vrat Katha: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं, इन्हीं में से एक है पौष माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी जिसे पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं और संतान पर आने वाला हर संकट दूर हो जाता है। साथ ही, पौष पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत कथा पढ़ने से संतान का भविष्य आजीवन के लिए उज्जवल एवं सुरक्षित बना रहता है। 

ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं पौष पुत्रदा एकादशी से जुड़ी व्रत कथा के बारे में। साथ ही, यह भी जानेंगे कि इस एकादशी से जुड़ी व्रत कथा पढ़ने का महत्व क्या है और इसे पढ़ने या उनने से व्यक्ति को कौन-कौन से लाभ भगवान विष्णु की कृपा से प्राप्त होते हैं। 

पौष पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा 

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पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में बसी भद्रावती नगरी के राजा सुकेतुमान और रानी शैव्या संतान सुख से वांछित थे और हमेशा इसी कारण दुखी रहा करते थे। राजा को न सिर्फ अपने राजपाट को आगे कौन संभालेगा इसकी चिंता थी बल्कि उसे इस बात का भी भय था कि आगे पितरों का पिंडदान कौन करेगा। 

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संतान प्राप्ति के लिए राजा ने कई यज्ञ किये, ब्राह्मण भोज कराये, राजा-रानी ने मिलकर बहुत से पुण्य कर्म किये लेकिन इन सबके बावजूद भी उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई। तब राजा ने वन में जाने का निर्णय लिया और वन की ओर प्रस्थान किया। राजा जब वन में पहुंचा तब उसे वहां ऋषि-मुनियों का आश्रम नजर आया। 

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राजा ऋषि के आश्रम में पहुंचे और उन्हीं अपने दुख के बारे में बताया, तब ऋषियों ने राजा को एकादशी का व्रत रखने के लिए कहा। राजा ने अपनी पत्नी के साथ श्रद्धा से एकादशी का व्रत रखा। कुछ ही समय में रानी गर्भवती हो गईं और अगले वर्ष एकादशी पर राजा-रानी को पुत्र की प्राप्ति हुई। तब से यह एकादशी पुत्रदा एकादशी कहलाने लगी।  

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से पौष माह की पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा के बारे में जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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