मंदिर सिर्फ वो जगह नहीं होती है जहां देवी-देवताओं की तस्वीर या मूर्ति होती है। बल्कि, यह आस्था और सकारात्मक ऊर्जा का स्थान भी होता है। इसी जगह पर हम रोजाना भगवान की पूजा करते हैं, अगरबत्ती जलाते हैं और भोग भी अर्पित करते हैं। ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में मंदिर को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, घर का मंदिर स्वच्छ और साफ-सुथरा रहता है तो देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। लेकिन, क्या आप जानती हैं घर के मंदिर की सफाई के लिए ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में विशेष नियम हैं।
घर की सफाई तो हम जैसे चाहें वैसे कर लेते हैं। लेकिन, घर के मंदिर की सफाई करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में ऐसी मान्यता है कि अगर मंदिर की सफाई के समय कुछ बातों को नजरअंदाज किया जाए तो पूजा का फल नहीं मिलता है और नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। मंदिर की सफाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए इस बारे में हमें पंडित और ज्योतिषी का ज्ञान रखने वाले श्री राधे श्याम मिश्रा ने बताया है।
पंडित जी ने सफाई के समय से लेकर नियमों के बारे में बताया है। आइए, इस बारे में यहां डिटेल से जानते हैं।
ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में ऐसा माना जाता है कि रात के समय मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि रात का समय देवी-देवताओं के आराम करने का होता है। ऐसे में अगर आप सफाई करेंगे और देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपनी जगह से इधर-उधर रखेंगे तो उन्हें परेशानी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: क्या घर का मंदिर उत्तर मुखी रखना ठीक है? जानें क्या कहता है वास्तु
ऐसा माना जाता है कि गुरुवार और एकादशी के दिन भूलकर भी मंदिर की सफाई नहीं करनी चाहिए। अगर आप गुरुवार या एकादशी के दिन मंदिर की सफाई करते हैं तो घर में दुख और दरिद्रता आती है। वहीं, मंदिर की सफाई शनिवार के दिन की जा सकती है। वास्तुशास्त्र में ऐसा माना गया है कि शनिवार के दिन सफाई करने से घर में सकारात्मकता ऊर्जा आती है और आर्थिक संकट दूर हो सकता है।
देवी-देवताओं की मूर्ति की सफाई साफ कपड़े से ही करनी चाहिए। आप चाहें तो कपड़े को हल्का गीला करके इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन, देवी-देवताओं की मूर्ति की सफाई के लिए साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा देवी-देवताओं को स्नान गंगाजल से कराना चाहिए। अगर घर में गंगाजल की मात्रा कम है तो सामान्य पानी में मिलाकर ही देवी-देवताओं को स्नान कराएं।
मंदिर की सफाई करते समय कुछ लोग देवी-देवताओं की मूर्ति को जमीन पर रख देते हैं। लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। जब भी मंदिर की सफाई करें तो देवी-देवताओं की मूर्ति को किसी पटरे पर रखें या फिर किसी टेबल पर साफ कपड़ा बिछाकर उसपर मूर्तियां रखें।
इसे भी पढ़ें: घर के मंदिर में पैसे रखने से क्या होता है?
मंदिर की सफाई करने के बाद हमेशा दीपक जरूर जलाएं। वहीं, दीपक जलाने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें और हर बार नई बाती का इस्तेमाल करें। कई लोग मंदिर की सफाई करने के बाद दीपक नहीं जलाते हैं, इसे वास्तु और ज्योतिषशास्त्र में अशुभ माना जाता है। वहीं, कुछ दीपक तो जलाते हैं लेकिन उसकी सफाई हर दिन नहीं करते हैं। मंदिर की सफाई और पूजा के साथ-साथ दीपक की सफाई भी अहम मानी जाती है।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Herzindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।