35 की उम्र के बाद बदल जाती है इन तिथियों में जन्मीं महिलाओं की किस्मत, शनिदेव देते हैं अपार धन लाभ

मूलांक 8 को शनिदेव का अंक माना जाता है और माना जाता है कि इस मूलांक की महिलाओं के जीवन में शनि का प्रभाव विशेष रूप से प्रबल रहता है। यही कारण है कि इस अंक से जुड़ी महिलाएं जीवन के शुरुआती दौर में कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करती हैं, लेकिन एक निश्चित आयु के बाद उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं जिसकी वजह से वो धन लाभ प्राप्त करती हैं।
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ज्योतिष और अंक शास्त्र में हर व्यक्ति की जन्म तिथि का विशेष महत्व होता है। आपकी जन्मतिथि आपके जीवन के कई पहलुओं के बारे में बता सकती है। आपकी जन्मतिथि के अनुसार आपके स्वभाव, करियर, स्वास्थ्य, रिश्ते और भाग्य के बारे में भी गहरी जानकारी मिलती है। ऐसे ही ज्योतिष एक्सपर्ट अमिता रावल बताती हैं कि कुछ ऐसी जन्म तिथियां हैं जिनका भाग्य 35 की उम्र के बाद चमकता है। इस विशेष मूलांक की महिलाएं 35 साल की उम्र तक संघर्ष करती हैं और उसके बाद उन्हें शनि देव की कृपा से धन लाभ होता है। ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 8 होता है। यह अंक शनि ग्रह का अंक माना जाता है, जो कर्म, अनुशासन, मेहनत और न्याय के देवता माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मूलांक 8 के जातकों का शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा होता है, लेकिन 35 साल की उम्र पार करने के बाद, इनके भाग्य का सितारा चमकने लगता है। शनिदेव की विशेष कृपा इन पर बरसती है, जिससे इन्हें अपार धन, मान-सम्मान और सफलता प्राप्त होती है। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।

मूलांक 8 शनि का नंबर होता है

जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17 और 26 तारीख को हुआ है अंक ज्योतिष के अनुसार उन सभी लोगों का मूलांक 8 होता है। इस अंक पर शनि का शासन होता है। मान्यता है कि ऐसे लोग जीवन के एक निश्चित समय तक शनि के प्रभाव की वजह से संघर्ष करते हैं, जिससे उन्हें अनुशासन में रहने की आदत हो जाती है और वो जिम्मेदारियों को भी समझने लगते हैं, वहीं एक समय के बाद वो किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बाहर निकलकर राजाओं वाला जीवन जीते हैं।

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मूलांक 8 के शुरुआती जीवन में क्यों होता है संघर्ष?

मूलांक 8 की महिलाएं शनिदेव के प्रभाव में होती हैं। शनि को न्यायप्रिय ग्रह कहा जाता है और वो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसीलिए इन लोगों को जीवन के शुरूआती दौर में कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। यही नहीं बचपन और युवावस्था में इनके जीवन में आर्थिक तंगी या पारिवारिक समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि इनके करियर की शुरुआत में धीमी प्रगति होती है और कई बार इन्हें दूसरों के सहयोग की कमी भी महसूस होती है। लेकिन ये सभी कठिनाइयां इन्हें मजबूत, अनुशासित और अनुभवी बना देती हैं, जिससे आगे जाकर ये बड़ी सफलता हासिल करती हैं।

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35 साल के बाद चमकता है मूलांक 8 का भाग्य?

अंकशास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह की परिपक्वता उम्र लगभग 35 वर्ष के आस-पास मानी जाती है। इसका मतलब यह है कि इस उम्र के बाद शनि अपने जातकों को उनके पिछले कर्मों का फल देने लगते हैं। ऐसे में जिन लोगों ने मेहनत, ईमानदारी और धैर्य से जीवन जिया है, उन्हें शनि का आशीर्वाद मिलता है। 35 साल के बाद उनके करियर में स्थिरता आती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसी वजह से ये इस मूलांक की महिलाएं 35 साल की उम्र के बाद धन अर्जित करती हैं।

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35 की उम्र के बाद मिलती है सफलता

जिन महिलाओं का मूलांक 8 होता है वो 35 साल की उम्र के बाद जिस भी मुकाम को पाना चाहती हैं, उन्हें वो हासिल हो जाता है और वो आर्थिक रूप से भी खुद को बेहतर बना लेती हैं। 35 की उम्र के बाद सही मायने में इनके ऊपर शनि की कृपा होती है जो उन्हें सफलता की ओर ले जाती है।

निष्कर्ष: ऐसा कहा जाता है कि 35 की उम्र के बाद मूलांक 8 वाली महिलाओं का भाग्य चमकने लगता है और शनिदेव की कृपा से वो सफलता की ऊंचाइयों को छू लेती हैं।
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Images: freepik. com

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