Kajari Teej 2025

Kajari Teej Vrat Katha 2025: अखंड सौभाग्य के लिए कजरी तीज पर पढ़ें यह पौराणिक कथा

Kajari Teej Vrat Katha for Happy Married Life 2025: हिंदू धर्म में प्रत्येक तिथि, व्रत और पर्व का अपना एक विशेष महत्व होता है। इन्हीं में से एक है कजरी तीज, जिसे विशेष रूप से सौभाग्य और दांपत्य सुख की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन विवाहित और अविवाहित महिलाएं पूरे विधि-विधान से व्रत करती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि कजरी तीज पर एक विशेष व्रत कथा सुनने और उसका स्मरण करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य और खुशहाली बनी रहती है।
Editorial
Updated:- 2025-08-11, 12:25 IST

हिंदू पंचांग के अनुसार कजरी तीज का व्रत भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस खास दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। इस साल कजरी तीज 12 अगस्त मंगलवार को है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं।

कजरी तीज का व्रत खासकर कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत उनकी शादी और परिवार की खुशहाली के लिए लाभकारी होता है। इसलिए इस दिन व्रत रखने वाली सभी महिलाओं को व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि व्रत कथा सुनना व्रत की पूर्णता के लिए जरूरी है और इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी के अनुसार इस व्रत से महिलाओं के जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सुख-शांति आती है। इस दिन पूजा और व्रत विधिपूर्वक करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसलिए कजरी तीज के दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखें और कथा सुनना न भूलें। यह व्रत जीवन में खुशहाली और प्रेम बनाए रखने में मदद करता है।

कजरी तीज व्रत कथा (Kajari Teej Vrat Katha 2025)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कजरी तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने किया था। उनके व्रत और तपस्या से भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए थे। जिसके बाद उन्होंने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहते हैं, कि कजरी तीज का व्रत कुंवारी लड़कियों के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है। कजरी तीज का व्रत रखने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।  

वहीं दूसरी कथा के अनुसार, एक गांव में ब्राह्मण परिवार रहता था। ब्राह्मण की पत्नी ने भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन कजरी तीज का व्रत किया। व्रत के दौरान उसने अपने पति से सत्तू लाने के लिए कहा। सत्तू के लिए ब्राह्मण के पास पैसे नहीं थे। तब उसने चोरी करने का फैसला किया। इसके बाद वह रात के समय दुकान में सत्तू लेने के लिए गया। उसी दौरान दुकान के मालिक की नींद खुली और उसने ब्राह्मण को पकड़ लिया। इस दौरान उसकी पत्नी अपने पति का सत्तू के लिए इंतजार कर रही थी। वहीं चांद भी निकल आया था। 

इसे जरूर पढ़ें: Kajari Teej 2025: कब रखा जाएगा कजरी तीज का व्रत... जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

जब दुकान के मालिक ने उस ब्राह्मण की तलाशी ली, तो उसके पास से केवल सत्तू मिला। ऐसे में ब्राह्मण ने सारी बात दुकान के मालिक को बताई। उसकी बात को सुनकर मालिक को उसपर तरस आया और उसने कहा कि वह उसकी पत्नी को अपनी बहन के रूप में मानेगा। आखिर में मालिक ने ब्राह्मण को मेंहदी, सत्तू, गहने और धन देकर विदा किया। उसके बाद सभी ने कजली माता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की। आपको बता दें, कजरी तीज व्रत कथा प्रेम, समर्पण, आस्था और विश्वास का महत्व सिखाती है। 

kajri teej

इसे जरूर पढ़ें: Kajari Teej Puja Vidhi 2025: कजरी तीज के दिन इस विधि से करें पूजा, जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट

निष्कर्ष: कजरी तीज का व्रत केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि रिश्तों में प्रेम और जीवन में सकारात्मकता का प्रतीक भी है। इस साल 12 अगस्त 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ यह व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन को खुशियों और सौभाग्य से भर देती है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

FAQ
कजरी तीज क्यों मनाया जाता है?
कजरी तीज का व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन की सुख-शांति के लिए रखती हैं। वे दिनभर उपवास करती हैं और रात को पूजा कर व्रत खोलती हैं।
क्या कजरी तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं?
हां, कुंवारी कन्याएं भी कजरी तीज का व्रत रख सकती हैं। इससे उन्हें सुयोग्य वर प्राप्त होने की मान्यता है और भविष्य में सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;