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जन्म के कितने समय बाद करना चाहिए बच्चे का मुंडन?

हिन्दू धर्म में व्यक्ति से जुड़े 16 संस्कारों का वर्णन मिलता है। इन्हीं में से एक है मुंडन संस्कार जिसका सनातन परंपरा में बहुत महत्व माना जाता है। 
Editorial
Updated:- 2023-12-18, 17:14 IST

Bachche Ka Mundan Kaun Se Saal Mein Kare: हिन्दू धर्म में व्यक्ति से जुड़े 16 संस्कारों का वर्णन मिलता है। इन्हीं में से एक है मुंडन संस्कार जिसका सनातन परंपरा में बहुत महत्व माना जाता है। मुंडन संस्कार कराना बच्चे के लिए बहुत जरूरी होता है। 

हालांकि आप में से बहुत ही कम लोगों को यह पता होगा कि मुंडन संस्कार कब कराना चाहिए यानी कि कौन से साल में कराना चाहिए। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि जन्म के कितने समय बाद कराया जाता है मुंडन और क्या है इसका महत्व।  

जन्म के बाद कब कराना चाहिए मुंडन? 

bachche ka mundan kab karana chahiye

शास्त्रों में बताये गए नियमों के अनुसार, बच्चे (ब्रह्म मुहूर्त में जन्में बच्चे कैसे होते हैं) का मुंडन जन्म लेने के बाद एक साल के भीतर-भीतर करा देना चाहिए। अगर इस साल में नहीं मुंडन कराना संभव न हो सका हो तो फिर तीसरे, पांचवे या फिर सातवे साल में भी मुंडन कराया जा सकता है। 

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इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि मुंडन कराते समय शुभ मुहूर्त अवश्य देखें। बिना शुभ मुहूर्त निकाले मुंडन संस्कार नहीं  करना चाहिए। वहीं, मुंडन के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि शुभ मानी जाती हैं। 

ऐसे में पहले, तीसरे, पांचवे या सातवे साल में मुंडन संस्कार कराते समय इन तिथियों का चुनाव करें। इसके अलावा, नक्षत्र का भी मुंडन संस्कार के दौरान बहुत महत्व माना जाता है। जितने जरूरी मुहूर्त और तिथि हैं उतना ही महत्वपूर्ण नक्षत्र भी है।

bachche ka mundan kab karna chahiye

शास्त्रों के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद 11 ऐसे नक्षत्र हैं जिनमें मुंडन कराना शुभ माना जाता है। यह नक्षत्र (किन नक्षत्रों में नहीं लेना चाहिए ऋण) हैं: अश्विनी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, ज्येष्ठ, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र। शुभ फल हेतु इन्हीं नक्षत्रों में मुंडन करें। 

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शास्त्रों में मुंडन संस्कार से जुड़ी यह बात कही गई है कि 'तेन ते आयुषे वपामि सुश्लोकाय स्वस्तये'। इसका अर्थ है कि जिस बच्चे का मुंडन संस्कार किया जाता है उसे लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि मुंडन कराने से बच्चे के पूर्व जन्म के पाप कट जाते हैं। 

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कौन से साल में करना चाहिए बच्चे का मुंडन। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।     

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