narayana stotra path

Paush Month 2024: पौष माह में नारायण स्तोत्र का पाठ करने से क्या होता है?

पौष माह में भगवान विष्णु की आराधना के से जहां एक ओर विष्णु स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर इस माह में नारायण स्तोत्र का पाठ करना और भी लाभकारी है। 
Updated:- 2024-12-20, 14:14 IST

पौष माह में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस माह में भगवान विष्णु के विभिन्न पाठों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पौष माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु का सानिध्य मिलता है।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि पौष माह में भगवान विष्णु की आराधना के से जहां एक ओर विष्णु स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर इस माह में नारायण स्तोत्र का पाठ करना और भी लाभकारी है। खास बात यह है कि इसे करने के नियम भी सरल हैं।

पौष माह में नारायण स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होती है और घर में सकारात्मकता बढ़ती है। व्यक्ति को शुभ कार्यों में सफलता मिलती है और पारिवारिक जीवन श्रेष्ठ बना रहता है।

पौष माह में करें नारायण स्तोत्र का पाठ

नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥

करुणापारावार वरुणालयगम्भीर नारायण ॥ 1 ॥
घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाशन नारायण ॥ 2 ॥

narayana stotra ka path karne se kya hota hai

यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार नारायण ॥ 3 ॥
पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान नारायण ॥ 4 ॥

मञ्जुलगुञ्जाभूष मायामानुषवेष नारायण ॥ 5 ॥
राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक नारायण ॥ 6 ॥

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मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद नारायण ॥ 7 ॥
बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड नारायण ॥ 8 ॥

वारिजभूषाभरण राजीवरुक्मिणीरमण नारायण ॥ 9 ॥
जलरुहदलनिभनेत्र जगदारम्भकसूत्र नारायण ॥ 10 ॥

यह विडियो भी देखें

पातकरजनीसंहार करुणालय मामुद्धर नारायण ॥ 11 ॥
अघ बकहयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे नारायण ॥ 12 ॥

हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर नारायण ॥ 13 ॥
दशरथराजकुमार दानवमदसंहार नारायण ॥ 14 ॥

narayana stotra ka path karne ke kya labh hain

गोवर्धनगिरि रमण गोपीमानसहरण नारायण ॥ 15 ॥
सरयुतीरविहार सज्जन‌ऋषिमन्दार नारायण ॥ 16 ॥

विश्वामित्रमखत्र विविधवरानुचरित्र नारायण ॥ 17 ॥
ध्वजवज्राङ्कुशपाद धरणीसुतसहमोद नारायण ॥ 18 ॥

जनकसुताप्रतिपाल जय जय संस्मृतिलील नारायण ॥ 19 ॥
दशरथवाग्धृतिभार दण्डक वनसञ्चार नारायण ॥ 20 ॥

मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार नारायण ॥ 21 ॥
वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य नारायण ॥ 22 ॥

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मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर नारायण ॥ 23 ॥
जलनिधि बन्धन धीर रावणकण्ठविदार नारायण ॥ 24 ॥

ताटकमर्दन राम नटगुणविविध सुराम नारायण ॥ 25 ॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन नारायण ॥ 26 ॥

narayana stotra ka path kaise karna chahiye

सम्भ्रमसीताहार साकेतपुरविहार नारायण ॥ 27 ॥
अचलोद्धृतचञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर नारायण ॥ 28 ॥

नैगमगानविनोद रक्षित सुप्रह्लाद नारायण ॥ 29 ॥
भारत यतवरशङ्कर नामामृतमखिलान्तर नारायण ॥ 30

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image credit: herzindagi 

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