पुखराज को ज्योतिष में एक अत्यधिक शुभ रत्न के रूप में देखा जाता है। यह ज्योतिषीय राशि चक्र में सबसे बड़े और सबसे लाभकारी ग्रह गुरु बृहस्पति ग्रह से जुड़ा होता है। बृहस्पति को ज्ञान, धन और आध्यात्मिक विकास का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि पुखराज पहनने से सकारात्मक ऊर्जाओं का दोहन होता है, जिससे इसे पहनने वाले को समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और समग्र कल्याण मिलता है। हालांकि अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए पुखराज को कुछ विशेष नियमों का पालन करते हुए पहनने की सलाह दी जाती है।
चूंकि बृहस्पति को देवगुरु के रूप में जाना जाता है और पुखराज धारण करने से उनकी अनुकूलता हमेशा बनी रहती है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। ऐसी मान्यता है कि कुछ लोगों के लिए पुखराज पहनना ज्यादा शुभ हो सकता है क्योंकि उन्हें इसके पूर्ण लाभ मिलते हैं और उनके जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होने लगती हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें पुखराज धारण करने के लाभ और नियम।
पुखराज का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष में बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है। यह ज्ञान, आध्यात्मिक विकास, धन और समग्र सफलता को नियंत्रित करने वाला ग्रह है। यह ग्रह सत्य, न्याय और धार्मिकता से भी जुड़ा है।
जब बृहस्पति किसी व्यक्ति की कुंडली में अच्छी स्थिति में होता है, तो यह सौभाग्य, प्रचुरता और खुशी लाता है। वहीं गुरु बृहस्पति की कमजोर स्थिति आपके जीवन में वित्तीय संघर्ष, स्वास्थ्य समस्याएं और आत्मविश्वास की कमी जागृत करती है। पुखराज वह रत्न है जो बृहस्पति की स्थिति को मजबूत करता है और उसकी ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है। पुखराज पहनने से व्यक्ति अपने बृहस्पति से संबंधित गुणों जैसे ज्ञान, उदारता और आशावाद को बढ़ा सकते हैं।
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पुखराज पहनने के ज्योतिष लाभ
पुखराज समृद्धि के ग्रह बृहस्पति को मजबूत करता है, आय का स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करता है और कर्ज हटाता है। यह आपकी निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे बुद्धिमान वित्तीय निवेश और व्यावसायिक सफलता मिलती है। इसके और भी बहुत से लाभ हैं जो यहां बताए गए हैं-
पुखराज पहनने से धन लाभ होते हैं
पुखराज पहनने के प्राथमिक लाभों में से एक इसकी धन को आकर्षित करने की क्षमता और वित्तीय स्थिरता है। बृहस्पति हमेशा से ही बहुतायत का ग्रह है और पुखराज पहनने से वित्तीय बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है, जिससे व्यापार में वृद्धि, कार्यस्थल पर पदोन्नति और आय में वृद्धि हो सकती है। पीला पुखराज धारण करने वाले कई लोगों की कुंडली में जल्द ही गुरु की स्थिति अच्छी होने लगती है जिससे धन के योग बनते हैं।
करियर और शिक्षा में सफलता दिलाता है
ज्ञान और शिक्षा के ग्रह के रूप में, बृहस्पति शिक्षा और करियर की सफलता से निकटता से जुड़ा हुआ ग्रह है। पुखराज पहनना विशेष रूप से छात्रों, शिक्षकों, लेखकों और ऐसे व्यवसायों से जुड़े लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनमें बौद्धिक क्षमता की आवश्यकता होती है। यह आपके दिमाग को तेज करता है और आपका मन पढ़ाई में फोकस में होने लगता है और यह सीखने की क्षमताओं को बढ़ाता है।
पुखराज अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह शरीर के कई भीतरी अंगों जैसे यकृत, पित्ताशय और पाचन तंत्र को नियंत्रित करता है। पुखराज पहनने से इन शारीरिक कार्यों को संतुलित करके अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। ऐसा भी माना जाता है कि यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, बार-बार होने वाली बीमारियों से बचाता है। मान्यता है कि इस रत्न को पहनने वाले को पुरानी बीमारियों से भी राहत मिलती है।
पुखराज वैवाहिक आनंद और रिश्तों को बढ़ाता है
उन लोगों को पुखराज पहनने की अत्यधिक सलाह दी जाती है जो अपनी शादी या रिश्ते में कठिनाइयों का सामना कर रहे हों। बृहस्पति ग्रह आपके वैवाहिक सौहार्द को नियंत्रित करता है और इस रत्न को पहनने से व्यक्ति रिश्तों में प्यार, विश्वास और समझ को आकर्षित कर सकता है। यह भी माना जाता है कि यह विवाह में होने वाली देरी की समस्या को भी दूर करता है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने में मदद करता है।
किन लोगों के लिए पुखराज पहनना शुभ होता है
अगर हम राशियों की बात करें तो धनु और मीन राशि के लोगों के लिए पुखराज पहनना अत्यधिक शुभ माना जाता है क्योंकि ये राशियां बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित होती हैं। इसके अलावा जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो, उन्हें भी पुखराज धारण करने से विशेष लाभ होता है।
पुखराज धारण करने के नियम
- पुखराज धारण करने के कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन जरूरी है जिनमें से एक है कि पुखराज पहनने से पहले, यह सलाह दी जाती है कि किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श कर लें कि यह रत्न आपकी कुंडली के लिए उपयुक्त है या नहीं।
- पुखराज पहनने का सबसे अच्छा दिन गुरुवार है, क्योंकि यह बृहस्पति से संबंधित दिन है। इसके अधिकतम लाभ के लिए रत्न को शुक्ल पक्ष के दौरान पहनना ज्यादा शुभ माना जाता है।
- पुखराज पहनने का आदर्श समय गुरुवार को होता है, जो आमतौर पर सुबह 5 बजे से 7 बजे के बीच होता है। इसके साथ ही इसे धारण करने वाले को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुने गए गुरुवार को ग्रहों की स्थिति आपके अनुकूल है या नहीं।
यदि आप यहां बताए नियमों के अनुसार पुखराज रत्न को धारण करते हैं तो इसके पूर्ण लाभ पाने में मदद मिलती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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