
28 अक्टूबर 2025 का पंचांग कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के साथ मंगलवार का दिन दर्शाता है जो सूर्य देव और अन्य देवताओं की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। हालांकि षष्ठी तिथि सुबह लगभग 8:00 बजे तक ही रहेगी जिसके बाद सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र दोपहर 3:45 बजे तक रहेगा उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। यह दिन धार्मिक दृष्टि से छठ पूजा के पर्व का चौथा दिन है जिसमें सूर्य को सुबह का अर्घ्य दिया जाता है जिससे यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण और शुभ हो जाता है और किसी भी शुभ कार्य के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| कार्तिक शुक्ल षष्ठी (सुबह लगभग 08:00 बजे तक)/सप्तमी | पूर्वाषाढ़ा | मंगलवार | सुकर्मा | तैतिल |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:04 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:21 बजे |
| चंद्रोदय | सुबह 11:51 बजे |
| चंद्रास्त | रात 10:26 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:48 बजे से सुबह 05:39 बजे तक |
| प्रातः संध्या | सुबह 05:13 बजे से सुबह 06:30 बजे तक |
| छठ पूजा उषा अर्घ्य | सूर्योदय (लगभग सुबह 06:30 बजे) के समय |
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक |
| अमृत काल | सुबह 10:29 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक |
| त्रिपुष्कर योग | दोपहर 03:45 बजे से अगली सुबह 06:31 बजे तक |
| गोधूलि मुहूर्त | शाम 05:39 बजे से शाम 06:05 बजे तक |
| निशिता मुहूर्त | रात 11:39 बजे से देर रात 12:31 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 02:51 बजे से शाम 04:15 बजे तक |
| गुलिक काल | दोपहर 12:04 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 09:17 बजे से सुबह 10:41 बजे तक |
| दुर्मुहूर्त (पहला भाग) | सुबह 08:43 बजे से सुबह 09:28 बजे तक |
| दुर्मुहूर्त (दूसरा भाग) | रात 10:48 बजे से रात 11:39 बजे तक |

28 अक्टूबर 2025, मंगलवार का मुख्य व्रत और त्योहार छठ पूजा का अंतिम दिन है जिसे उषा अर्घ्य और पारण के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले जल में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान सूर्य और छठी मैया की उपासना करते हैं। उषा अर्घ्य देने के बाद ही 36 घंटे के इस कठिन निर्जला व्रत का पारण किया जाता है जिसके साथ चार दिवसीय छठ महापर्व पूर्ण हो जाता है।
8 अक्टूबर 2025, मंगलवार का दिन छठ पूजा के उगते सूर्य को अर्घ्य देने का पवित्र दिन है, इसलिए इस दिन सबसे बड़ा उपाय है कि सूर्योदय के समय सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें जिससे स्वास्थ्य, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, चूंकि यह दिन मंगलवार है और इस पर सप्तमी तिथि का प्रभाव रहेगा, इसलिए आप हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं और हनुमान जी को गुड़-चना या बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर मंगल ग्रह की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं तथा किसी जरूरतमंद को अपनी श्रद्धा अनुसार अन्न या वस्त्र का दान करना भी बहुत शुभ रहेगा।
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image credit: herzindagi
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