16 अगस्त 2025 का दिन पंचांग के अनुसार बेहद खास है क्योंकि आज के दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। आज के दिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी, जो रात 09:34 बजे तक है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। पंचांग के अनुसार, आज के दिन कृत्तिका नक्षत्र और वृद्धि योग भी रहेगा जिसे शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि, आज के दिन शनिवार होने के कारण राहुकाल का समय सुबह 09:08 बजे से 10:46 बजे तक रहेगा जिसमें शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। ऐसे में अगर आप जन्माष्टमी के पर्व पर पूजा-पाठ से लेकर विशेष अनुष्ठान करना चाहते हैं तो ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा बताया गया आज का पंचांग देख सकते हैं।
आज का पंचांग 16 अगस्त 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी | कृत्तिका | शनिवार | वृद्धि | बालव |
आज सूर्य और चंद्रमा का समय 16 अगस्त 2025
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 05:51 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:59 बजे |
चंद्रोदय | रात 11:32 बजे |
चंद्रास्त | दोपहर 01:01 बजे |
आज का शुभ मुहूर्त और योग 16 अगस्त 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:24 बजे से सुबह 05:07 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक |
विजय मुहूर्त | 02:37 बजे से दोपहर 03:29 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | 06:59 बजे से शाम 07:21 बजे तक |
नीतिशा काल | 12:04 बजे से रात 12:47 बजे तक |
अमृत काल | 02:23 बजे से (17 अगस्त को) रात 03:53 बजे तक |
आज का अशुभ मुहूर्त 16 अगस्त 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल |
सुबह 09:08 बजे से सुबह 10:47 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 05:51 बजे से सुबह 07:29 बजे तक |
यमगंड | दोपहर 02:04 बजे से दोपहर 03:42 बजे तक |
आज व्रत और त्योहार 16 अगस्त 2025
16 अगस्त 2025 का दिन हिंदू धर्म के लिए बहुत ही खास और पवित्र है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस त्यौहार को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।
जन्माष्टमी के दिन भक्तजन सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक व्रत रखते हैं। यह व्रत निराहार या फलाहार हो सकता है। दिनभर भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन चलता रहता है। घरों और मंदिरों में भगवान बाल गोपाल की सुंदर झांकियां सजाई जाती हैं और पूरे भक्तिभाव से उनकी पूजा की जाती है। इस दिन मध्यरात्रि में जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था विशेष पूजा और आरती की जाती है।
व्रत का पारण (व्रत तोड़ना) मध्यरात्रि की पूजा के बाद ही किया जाता है। इस दिन दही हांडी का आयोजन भी किया जाता है जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का प्रतीक है। इस तरह, 16 अगस्त का दिन कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व के कारण आस्था और भक्ति से भरा रहेगा।
आज का उपाय 16 अगस्त 2025
तुलसी की पूजा: जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को तुलसी बहुत प्रिय होती है। इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में धन की कमी दूर होती है और माता लक्ष्मी का वास होता है।
माखन-मिश्री का भोग: भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री बहुत पसंद है। इस दिन घर पर माखन-मिश्री का भोग लगाएं। यह उपाय करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
झूला और मोरपंख: जन्माष्टमी पर घर में भगवान बाल गोपाल की मूर्ति को झूले पर बिठाकर झूला झुलाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही, पूजा में मोरपंख अर्पित करने और उसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बांसुरी अर्पित करना: भगवान कृष्ण को बांसुरी अति प्रिय है। जन्माष्टमी के दिन उन्हें एक नई बांसुरी अर्पित करें। पूजा के बाद उस बांसुरी को अपने घर में किसी शुभ स्थान पर रखने से परिवार में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
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image credit: herzindagi
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