
आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि 11 दिसंबर 2025, गुरुवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज का दिन विशेष है। आज के दिन कालभैरव अष्टमी और मासिक श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक साथ मनाई जाएगी। आज गुरुवार के शासक ग्रह बृहस्पति हैं जो ज्ञान और धर्म का प्रतीक है। इसलिए, यह दिन भगवान विष्णु और गुरुओं की पूजा, धार्मिक अनुष्ठानों और ज्ञान से संबंधित कार्यों को करने के लिए शुभ माना जाएगा जबकि इस समय चल रहे खरमास के कारण बड़े मांगलिक कार्यों से बचना होगा। आज के दिन काल भैरव भगवान की पूजा के दौरान उनकी चालीसा का पाठ करना श्रेष्ठ रहेगा, जिसके लिए शुभ मुहूर्त का पता होना आवश्यक है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण सप्तमी(दोपहर 01 बजकर 56 मिनट तक)/अष्टमी | पूर्वा फाल्गुनी | गुरुवार | विष्कुंभ | बव |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07 बजकर 04 मिनट |
| सूर्यास्त | शाम 05 बजकर 25 मिनट |
| चंद्रोदय | रात 12 बजकर 16 मिनट |
| चंद्रास्त | दोपहर 12 बजकर 13 मिनट (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट |
| प्रातः संध्या | सुबह 05 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट |
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट |
| अमृत काल | रात 09 बजकर 12 मिनट से रात 10 बजकर 53 मिनट |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट |
| यमगंड | सुबह 07 बजकर 04 मिनट से 08 बजकर 21 मिनट |
| गुलिक काल | सुबह 09 बजकर 39 मिनट से 10 बजकर 57 मिनट |

11 दिसंबर 2025 को पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है और इस दिन कालाष्टमी का व्रत और त्यौहार मनाया जाएगा। यह दिन भगवान कालभैरव को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। इस दिन कालभैरव की पूजा करने से भक्तों को जीवन के भय, कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, चूंकि यह दिन गुरुवार है इसलिए यह भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा के लिए भी समर्पित है जिससे ज्ञान, धन और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।
कालाष्टमी के दिन कालभैरव की कृपा पाने के लिए सबसे सरल उपाय यह है कि शाम या रात के समय कालभैरव मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाया जाए। इसके अलावा, कुत्तों को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि कुत्ते को कालभैरव का वाहन माना जाता है। गुरुवार होने के कारण, सुबह भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीले फूल या हल्दी मिश्रित जल अर्पित करें। इसके अतिरिक्त, खरमास चल रहा होने के कारण, इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को गुड़, चना, या पीले वस्त्र का दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है।
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