कान में दर्द और इंफेक्शन को दूर करने में नेचुरल टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं। इन टिप्स के बारे में हमें आयुर्वेद और आंत स्वास्थ्य कोच डॉ डिंपल बता रही हैं।
कर्ण पुराण
कर्ण पुराण का मतलब कान में तेल लगाना। यह कान की कई समस्याओं को ठीक करने और कान की हेल्थ को बनाए रखने के लिए सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।
तुलसी
एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से भरपूर होती है, जो कान के दर्द और संक्रमण से राहत दिलाने में मदद करती है।
विधि
तुलसी के कुछ पत्तों को ओखली और मूसल में पीस लें। रस को छान लें। इसकी एक से दो बूंद कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है।
लौंग का तेल
इसमें एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कान में दर्द और इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं।
विधि
एक चम्मच तिल के तेल में एक लौंग डालकर उबाल लें। फिर इसे ठंडा होने दें। तेल को छान लें। गर्म तेल की 1 से 2 बूंद प्रभावित कान में डालें।
टी ट्री ऑयल
इसमें शक्तिशाली एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इसे कान के दर्द के लिए प्रभावी घरेलू उपचार बनाते हैं।
विधि
जैतून का तेल या नारियल के तेल के एक चम्मच के साथ टी ट्री ऑयल की एक या दो बूंद मिलाएं। कान में 1 से 2 बूंद डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
जल नेति
यह साइनस को बाहर निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और कान दर्द जैसी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों के साथ स्टीम या जल नेति करें।
इन टिप्स की मदद से कान में दर्द से राहत पाएं। आपको स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com