दिल्ली के दिल Red Fort के इतिहास को जानने के लिए पढ़ें ये किताबें

Red Fort के बारे में तो आपने सुना ही होगा कि यह दिल्ली की शान है, लेकिन क्या आपको इसके इतिहास के बारे में पता है? अगर आप भी इतिहास में रुचि रखते हैं और लाल किला को गहराई से समझना चाहते हैं तो यहां 5 ऐसी किताबों के विकल्प दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।

पढ़ें Delhi Red Fort के इतिहास के अनसुने किस्से

दिल्ली की शान माने जाने वाला लाल किला सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि भारत के गौरव, संघर्ष और संस्कृति का प्रतीक है। इसके निर्माण से लेकर मुगल शासन, ब्रिटिश काल और स्वतंत्रता आंदोलन तक, लाल किले ने कई महत्वपूर्ण दौरों को करीब से देखा है। Delhi के Red Fort के इतिहास को समझने के लिए कई लेखकों ने अपने शोध, अनुभव और दृष्टिकोण को किताबों के रूप में प्रस्तुत किया है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए एक अनमोल खजाना साबित हो सकता है। यहां आपको 5 बढ़िया किताबों के विकल्प दिए गए हैं जिनको पढ़कर आपको ना सिर्फ ऊपर-ऊपर से इसे जानने का अवसर मिलेगा बल्कि यह भी पता चल सकता है कि कैसे लाल किला भारतीय इतिहास का मौन गवाह बनकर सदियों से अपने भीतर कई कहानियां समेटे हुए है। जो भी व्यक्ति दिल्ली के इतिहास को करीब से महसूस करना चाहता है, उसके लिए ये किताबें काफी मददगार साबित हो सकती हैं और समय के सफर पर ले जा सकती हैं। 

अपने पसंदीदा किताबों के बारे में अन्य जानकारी के लिए आप हाउस ऑफ बुक्स की कैटेगरी पर जा सकते हैं।

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    Dilli's Red Fort By the Yamuna

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    एन. एल. बत्रा द्वारा लिखित Dilli's Red Fort By the Yamuna लाल किले के इतिहास, स्थापना और सांस्कृतिक महत्व को बेहद सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक पाठकों को यमुना नदी के किनारे बसे इस भव्य किले की ऐतिहासिक यात्रा पर ले जा सकती है, जहां मुगलकाल की शान, वास्तु-विशेषताएं और दिल्ली की बदलती तस्वीर सुन्दर ढंग से उभरकर सामने आ सकती है। लेखक ने लाल किले के निर्माण, उसके राजनीतिक महत्व तथा स्वतंत्रता संग्राम में उसकी भूमिका को 180 पन्नों में समझाया है। पुस्तक में लाल किले की कलात्मक नक्काशी, दीवान-ए-आम व दीवान-ए-खास जैसे भवनों का वर्णन भी बेहद रोचक तरीके से किया गया है।

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    Delhi Red Fort to Raisina

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    यह किताब लाल किले की भव्यता से लेकर रायसीना हिल्स के आधुनिक सत्ता-केन्द्र तक दिल्ली के रूपांतरण को बेहद सरल और आकर्षक ढंग से समझा सकती है। इसमें शहर की सांस्कृतिक परतें, मुगल काल से अंग्रेज़ी शासन तक का सफर और आज की राजधानी के निर्माण की कहानी सहज भाषा में बताया गया है। साथ ही, यह किताब शाहजहां द्वारा मुगल साम्राज्य की नई राजधानी बनने की यात्रा, 1638 में यमुना नदी के तट पर बने शाहजहानाबाद से लेकर 1911 में ब्रिटिश शासित भारत की नई राजधानी नई दिल्ली तक के सफर को भी बताती है।

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    The Red Fort of Shahjahanabad: An Architectural History

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    अनिषा शेखर मुखर्जी द्वारा लिखित यह किताब लाल किले की वास्तुकला, इतिहास और उसकी सांस्कृतिक महत्ता को बेहद शोधपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करती है। पुस्तक में बताया गया है कि शाहजहां द्वारा बसाए गए शाहजहानाबाद के केंद्र में स्थित लाल किला सिर्फ एक शाही निवास नहीं था, बल्कि मुगल कलाओं, स्थापत्य कौशल और प्रशासनिक दृष्टि का अद्भुत संगम था। इसमें किले के निर्माण, उसकी डिजाइन, महलों, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, बाग़ों और जल-संचालन प्रणालियों का विस्तार से वर्णन किया गया है। लेखक यह भी दर्शाती हैं कि किस तरह समय के साथ राजनीतिक और सामाजिक बदलावों ने इस किले की संरचना और उसकी भूमिका को प्रभावित किया।

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    Red Fort: Remembering the Magnificent Mughals

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    Red Fort: Remembering the Magnificent Mughals इतिहासकार देबाशीष दास द्वारा लिखा गया एक रोचक किताब है, जिसमें लाल किले के स्थापना, मुगल कला, संस्कृति और शासन की भव्यता को सरल, मानवीय और रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक बताती है कि कैसे लाल किला सिर्फ ईंट-पत्थरों का किला नहीं, बल्कि दिल्ली के राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक इतिहास की जीवित धरोहर भी मानी जाती है। यह किताब इंग्लिश भाषा में लिखी गई है जिसमें कुल 421 पन्ने हैं। इस किताब के जरिए आपको मुगल इतिहास और दिल्ली के गौरवशाली अतीत को समझने का मौका मिल सकता है।

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    The Story of Red Fort

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    स्वप्ना दत्ता द्वारा लिखित यह किताब लाल किले के इतिहास, वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत को सरल व रोचक शैली में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक पाठकों को बता सकती है कि किस प्रकार मुगल बादशाह शाहजहां ने इस भव्य किले का निर्माण करवाया और कैसे यह किला सत्ता, कला और संस्कृति का केंद्र बना। कहानी के रूप में लिखी गई यह पुस्तक लाल किले के महलों, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-ख़ास और उसकी लाल पत्थरों की सुंदरता को बहुत सहजता से समझाती है। किताब यह भी उजागर करती है कि आजादी की लड़ाई से लेकर स्वतंत्र भारत तक लाल किला हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक रहा है।

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Faq's

  • लाल किले का निर्माण किसने करवाया था?
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    लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था। उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने के निर्णय के बाद इसका निर्माण करवाया था।
  • लाल किले का निर्माण कब हुआ था?
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    Red Fort का निर्माण 1638 में शुरू हुआ और 1648 में पूरा हुआ।
  • हमारे देश में लाल किले का क्या महत्व है?
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    लाल किला भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक है, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ राष्ट्रीय महत्व के लिए जाना जाता है और हर साल स्वतंत्रता दिवस पर यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।