बांके बिहारी जी का नाम लेते ही हृदय में भक्ति, प्रेम और आनंद की एक अद्भुत लहर उमड़ पड़ती है। वृन्दावन की पावन गलियों में बसे ठाकुरजी का मंदिर आज भी उसी दिव्य ऊर्जा से भरा है, जो हर भक्त को अपने प्रेम में बांध लेती है। विशेष रूप से Banke Bihari Prakatya Utsav 2025 के आगमन ने भक्तों के मन में नई उत्सुकता और उल्लास जगा दिया है, क्योंकि यह उत्सव स्वामी हरिदास जी द्वारा ठाकुरजी के दिव्य प्राकट्य की उस अलौकिक घटना को स्मरण कराता है, जिसने संसार को बिहारी जी के मधुर बाल-स्वरूप का साक्षात्कार कराया था। बिहारी जी की लीलाओं को समझने के लिए कई सारी किताबें उपलब्ध हैं जो उनकी भक्ति में डुबोने के लिए और उनको करीब से जानने में आपकी मदद कर सकते हैं। इस दिव्य दिन पर आप भी एक बढ़िया किताब पढ़ना चाहते हैं, तो यहां 5 विकल्प मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं।
Banke Bihari Prakatya Utsav 2025: बिहारी जी की लीलाओं को जानने के लिए पढ़ें ये किताबें!
अगर आप भी बांके बिहारी प्राकट्य उत्सव 2025 के शुभ अवसर पर पढ़ने के लिए और बिहारी जी को करीब से जानने के लिए एक बढ़िया किताब ढूंढ रहे हैं तो यहां 5 शानदार विकल्प मौजूद है जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं और साथ ही, आपको वृन्दावन की दिव्य संस्कृति की गहराइयों तक भी लेकर जा सकते हैं।
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The Complete Life of Krishna: Based on the Earliest Oral Traditions and the Sacred Scriptures
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The Complete Life of Krishna लेखिका वनमाली द्वारा लिखित एक अत्यंत सुंदर और आध्यात्मिक पुस्तक है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के सम्पूर्ण जीवन को प्राचीन मौखिक परंपराओं और पवित्र ग्रंथों के आधार पर सरल और भावपूर्ण तरीके से पेश किया गया है। यह पुस्तक पाठकों को कृष्ण के बचपन की मोहक लीलाओं से लेकर युवावस्था की वीरगाथाओं, कूटनीति, भगवद्गीता के उपदेश और अंत में उनके दिव्य प्रस्थान तक की पूरी यात्रा को बेहद रोचक ढंग से समझने का अवसर दे सकती है। यह किताब 490 पन्नों की है और साथ ही, इस किताब में आपको महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका के बारे में भी जानने का मौका मिल सकता है।
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Gita Govinda
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‘गीता गोविन्द’ श्री जयदेव गोस्वामी द्वारा रचा गया एक अद्भुत और भावपूर्ण काव्य है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी के प्रेम, विरह और मिलन को अत्यंत मधुर शैली में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ संस्कृत साहित्य की अमूल्य धरोहर मानी जाती है, जिसमें भक्ति, श्रृंगार और काव्य सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिल सकता है। यह किताब आपको अंग्रेजी के सरल भाषा में मिल जाएगी और इसमें कुल 112 पन्ने हैं। यह केवल एक आध्यात्मिक किताब नहीं है बल्कि भारतीय काव्य परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है, जो आज भी भक्तों और साहित्य प्रेमियों को प्रेरणा दे सकता है।
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HC- C6- Prem Bhaktiras Radhika writtn by Swami Haridas ji Maharaj
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हिन्दी भाषा की यह किताब “प्रेम-भक्तिरस-साधिका” स्वामी हरिदास जी महाराज द्वारा रचित एक दिव्य कृति है, जिसे श्री अलबेलिशरण जी ने भावार्थ सहित प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक राधा-कृष्ण प्रेम की सूक्ष्म, मधुर और आध्यात्मिक अनुभूतियों को सरल भाषा में समझाती है, जिससे पाठक भक्ति की गहराई में सहज रूप से उतर सकते हैं। वृंदावन रसिक वाणी शैली में लिखी यह रचना पाठकों को उस रस-विश्व में ले जा सकती है जहां राधारानी के जीवन के बारे में जाने और समझने का अवसर मिल सकता है। छोटी-छोटी पंक्तियों और मधुर भावार्थ के माध्यम से यह पुस्तक हर भक्त के हृदय में प्रेम और भक्ति का नया प्रकाश जगा सकती है। इसे आप Banke Bihari Prakatya Utsav के दौरान भी पढ़ सकते हैं।
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Banke Bihari Ke Prerna
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“बांके बिहारी के प्रेरणा” लेखक गिरजाशंकर उपाध्याय द्वारा लिखी गई एक सरल, भावपूर्ण और अध्यात्म से भरी किताब है, जो पाठकों को वृंदावन के प्रिय ठाकुर श्री बांके बिहारी जी के स्नेह, भक्ति और जीवन-संदेश से जोड़ सकती है। इसमें बिहारी जी की दिव्य लीला, भक्तों के अनुभव और उनके चरणों में समर्पण की शक्ति को सहज भाषा में प्रस्तुत किया गया है। इस किताब को पढ़ते हुए यह अनुभव हो सकता है जैसे मानो पाठक स्वयं वृंदावन की गलियों में घूमते हुए बिहारी जी के दर्शन कर रहा हो। यह पुस्तक भक्ति-मार्ग पर चलने वालों को प्रेरणा, संतोष और आत्मिक शांति प्रदान कर सकती है। यह हिन्दी के आसान भाषा में लिखी गई है।
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Shri Banke Bihari Chalisa: (Hindi Edition)
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अवधेश कंबोज द्वारा सरल और सुगम तरीके से लिखी गई श्री बांके बिहारी चालीसा एक काव्य रचना है, जो भक्तों को बांके बिहारी के दिव्य स्वरूप का सहज अनुभव करा सकती है। इस चालीसा में श्रीकृष्ण के बाललीला और वृंदावन के पवित्र रस का सुंदर वर्णन देखने को मिल सकता है, जिसे पढ़ते ही मन भक्ति से भर उठेगा। इसकी भाषा सरल है और हर पंक्ति श्रद्धा, प्रेम और आस्था का मनोहर संगम प्रस्तुत करती है। आप इसे रोजाना भी पढ़ सकते हैं क्योंकि यह मात्र 9 पन्नों की ही किताब है।
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Faq's
- बांके बिहारी प्राकट्य उत्सव क्या है?+यह उत्सव उस दिव्य क्षण की याद में मनाया जाता है जब स्वामी हरिदास जी के प्रेम-भजन से बांके बिहारी जी वृन्दावन में प्रकट हुए थे। यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
- प्राकट्य उत्सव 2025 में कब मनाया जाएगा?+Banke Bihari Prakatya Utsav 2025 आज यानी 25 नवंबर को मंगलवार के दिन की है।
- क्या प्राकट्य उत्सव के दौरान भी बांके बिहारी जी के दर्शन सामान्य दिनों जैसे ही होते हैं?+आमतौर पर नहीं। इस दिन भीड़ अधिक हो सकती है और दर्शन समय विशेष रूप से व्यवस्थित किया जाता है। अक्सर मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा और अलग-अलग दर्शन कतारें भी बनाई जाती हैं।
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