गर्मी और धूप के मौसम में सनस्क्रीन लगाने की बात तो हर कोई कहता है। मगर, जब बात आती है मानसून की, तो अक्सर लोग उलझन में पड़ जाते हैं। अधिकतर लोगों को यह नहीं मालूम होता है कि बारिश के मौसम यानी मानसून में सनस्क्रीन लगानी चाहिए या नहीं? और अगर लगानी है, तो वह कितने SPF वाली होनी चाहिए? ये बात तो आपको भी पता होगी, कि SPF 50 वाली सनस्क्रीन सबसे अच्छी मानी जाती हैं। ऐसे में मानसून के दिनों में ये कितनी असरदार हो सकती है, इससे जुड़ी जानकारी आप यहां देख सकते हैं। दरअसल, मौसम चाहें गर्मी का हो या बारिश का, सूरज की हानिकारक किरणों दोनों ही मौसम में आपकी त्वचा तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसी कारण से, आपको मानसून में भी सनस्क्रीन को नहीं निकालना चाहिए। यह बारिश के दिनों में भी आपकी त्वचा को टैनिंग, सनबर्न, जलन और लालिमा से सुरक्षित रखने में मदद करती है। स्किनकेयर और मेकअप से जुड़ी ऐसी ही जानकारी आपको ब्यूटी बास्केट पर मिल सकती है।
मानसून में SPF 50 सनस्क्रीन कितनी प्रभावी है?
भले ही आसमान में बादल छाए हों और बारिश हो रही हो, बावजूद इसके आपकी त्वचा पर सूरज की हानिकारण UV किरणों का असर हो सकता है। जी हां, मानसून में भी करीब 80% हानिकारण किरणें बादलों को भेदते हुए आपकी त्वचा तक पहुंच सकती हैं। इसी वजह से, बारिश के दिनों में भी SPF 50 वाली सनस्क्रीन इस्तेमाल करना आपके लिए सही हो सकता है। दरअसल, सनस्क्रीन का एसपीएफ जितना ज्यादा होता है, वह त्वचा को किरणों से उतना ही ज्यादा सुरक्षित रखती है। ऐसे में मानसून के दिनों में त्वचा को सूरज की किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आप अपने पसंदीदा ब्रांड की एसपीएफ 50 सनस्क्रीन इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप बारिश के लिए वॉटरप्रूफ सनस्क्रीन भी ले सकते हैं, जो पानी के कारण फैलती या खराब नहीं होती है। वहीं, बारिश के दिनों में अक्सर उमस और चिपचिपापन बढ़ जाता है, जिसके लिए आप हल्की और नॉन-स्टिकी सनस्क्रीन का चुनाव कर सकते हैं। इस तरह की सनस्क्रीन त्वचा पर चिपचिपाहट नहीं पैदा करती है और भारीपन भी नहीं महसूस होने देती है।